- मूल सुविधाओं के लिए भी तरस रहे अधिकारी-कर्मचारी, ऐसे कैसे चलेगा काम
- भोपाल देहात की पुलिस लाइन
भोपाल। पुलिस आयुक्त प्रणाली के लागू होने के बाद भोपाल देहात के लिए अलग से डीआरपी लाइन निर्मित की गई है। जिसका कार्यालय एसपी किरणलता किरकिट्टा के कर्बला के करीब बने आफिस मेें स्थित एक कमरे से संचालित किया जा रहा है। खास बात यह है कि लॉ एन आर्डर,ट्रेनिंग,बजट व परेड के लिए बनी इस लाइन में महज चार पुलिसकर्मी ही पदस्थ हैं। जिसमें एक आरआई, एक सूबेदार एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक शामिल हैं। वहीं रिजर्व बल के नाम पर 19 पुलिसकर्मी हैं, जो मुख्य कार्यालय से चालिस किलो मीटर की दूरी पर स्थित बैरसिया में रह रहा है। इन 19 लोगों के रिजर्व बल के लिए बैरसिया थाने के टीआई केएन भारद्वाज आरआई का भी काम कर रहे हैं। अधिकारियों के आदेश अनुसार वह ही ड्यूटी के लिए बल को रवाना करते हैं।
जानकारी के अनुसार भोपाल ग्रामीण की डीआरपी लाइन में आरआई इरशाद खान, सूबेदार नरेंद्र त्रिपाठी, एक प्रधान आरक्षक और एक आरक्षक कुल चार लोगों का स्टॉफ है। एसपी ग्रामीण कार्यालय में स्थित एक कमरे से यह आफिस का संचालन किया जा रहा है। पुलिस सूत्रों की माने तो यहां पुलिसकर्मी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी महताज हैं। वहीं डीएसपी रितु चौहान, टीआई अंसारुल खान,टीआई रचना मिश्रा भी इसी कार्यालय में बैठने को मजबूर है। नवाबी शासन की इस जरजर इमारत में किसी तरह से काम किया जा रहा है। यहां कुछ अधिकारियों को सरकारी वाहन तक महौया नहीं कराया गया है। जिनको कराया गया है, उनके पास ड्रायवर नहीं है। ऐसे में कई कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। सूत्रों का दावा है कि आला अधिकारी भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। एक आला अधिकारी ने तो यहां तक कह डाला कि स्वयं पत्रचार कर पीएचक्यू से अपनी समस्याओं का निदान कराएं। उल्लेखनीय है कि भोपाल देहात के अंतर्गत सात थानेा क्षेत्र आते हैं। इन थानों की सीमाएं करीब 80 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई हैं।