उज्जैन। शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति धक्वटल की दर से किसानों से इस वर्ष गेंहू का उपार्जन किया जाएगा। गेंहू उपार्जन के लिए कई नए प्रावधान इस वर्ष किए गए हैं। इस संबंध में जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष किसानों को खरीदी के लिए एसएमएस नहीं भेजा जाएगा। पंजीकृत किसान उपार्जन केन्द्र का स्वयं चयन करके दिन एवं समय का स्लॉट ऑनलाइन बुक करेंगे। इसी के आधार पर किसानों से गेंहू का उपार्जन किया जाएगा। जिन खरीदी केन्द्रों में स्लॉट बुक नहीं होंगे वहाँ से किसानों को एसएमएस से खरीदी की सूचना दी जाएगी। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि गेंहू देने के बाद उपार्जन प्रभारी तथा किसान के बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर खरीदी का बिल जारी होगा। सत्यापन की व्यवस्था पंजीकृत मोबाइल में भेजे गए ओटीपी अथवा बायोमेट्रिक डिवाइस से की जाएगी।
वृद्ध एवं शारीरिक रूप से अक्षम किसान गेंहू बेचने के लिए किसी भी व्यक्ति को नामांकित कर सकते हैं। इस वर्ष सभी खरीदी केन्द्र में बायोमेट्रिक उपकरण अनिवार्य रूप से लगाए जा रहे हैं। पंजीयन के समय किसानों से बैंक खाते की जानकारी नहीं ली जा रही है। उनसे बैंक में लिंक मोबाइल नम्बर तथा आधार संख्या की जानकारी दर्ज की जा रही है। आधार लिंक बैंक खाते में ही किसानों को उपार्जन के 48 से 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा। जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि गेंहू का उपार्जन सहकारी समितियों तथा स्वसहायता समूहों के माध्यम से किया जाएगा। इन्हें खरीदी केन्द्र पर अनाज के साफ-सफाई तथा ग्रेडिंग की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के आधार पर करनी होगी। अनाज को साफ करने का खर्च किसानों द्वारा वहन किया जाएगा। इसलिए खरीदी के समय किसान अच्छी गुणवत्ता का साफ-सुथरा गेंहू लेकर खरीदी केन्द्र में आएं। शासन द्वारा निर्धारित एफएक्यू गेंहू की ही खरीद की जाएगी। अमानक गेंहू खरीदने वाले केन्द्र प्रभारियों तथा समितियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
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