इंदौर। समारोह में जल्दी पहुंचने वाले बाद में पछताते दिखे और कहते रहे कि अंदर गर्मी बहुत है। देर से आते तो अच्छा रहता।
– जैसे ही भार्गव की शपथ पूरी हुई, बैकग्राउंड में राम-राम जय राजा राम…भजन गूंज उठा, जिसके बाद हॉल में जय-जय सियाराम के नारे लगने लगे।
– एक हारी हुई महिला पार्षद शपथ लेने पहुंच गई, लेकिन बाद में प्रवक्ता उमेश शर्मा ने उन्हें मंच से उतारा और कहा कि यहां जीते हुए पार्षदों की शपथ हो रही है, आप नीचे बैठिए।
– खजराना क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में जीती जमीला पटेल भाजपा की एक महिला पार्षद के साथ अकेली आई थीं, उनके पति उस्मान पटेल वहां नजर नहीं आए।
– सबसे पहले हर घर तिरंगा अभियान की थीम पर बना गीत गाया तो पूरा माहौल देशभक्ति से परिपूर्ण हो गया। इसके बाद वंदे मातरम भी गाया गया।
– पुष्यमित्र भार्गव की पत्नी जूही भार्गव के अलावा उनके माता-पिता और भार्गव का बेटा भी मंच पर मौजूद थे।
– शपथ लेने के बाद भार्गव स्वच्छताकर्मी महिला को मंच से उतरकर ढूंढने लगे। उन्हें पीछे बिठाया गया था। उन्होंने जाकर महिलाओं का आशीर्वाद लिया। हालांकि ये बात अलग रही कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद ये तीनों महिलाएं नाश्ते और चाय की दुकान ढूंढती रहीं।
महिला पार्षदों के साथ उनके पति और रिश्तेदार भी पहुंच गए। वे वहां जाकर बैठ गए जो स्थान पार्षदों के लिए आरक्षित था। इसको लेकर अव्यवस्था हो गईं और निगमकर्मी उन्हें वहां से हटाते नजर आए।
– कार्यकर्ता गर्मी से परेशान थे और पूरे हॉल में तेज आवाजें गूंज रही थीं। बाद में प्रवक्ता उमेश शर्मा को मंच संभालना पड़ा और उन्होंने अपनी स्टाइल में भाजपा कार्यकर्ताओं को कंट्रोल किया।
– अपने-अपने पार्षदों की शपथ होने के बाद कार्यकर्ता बाहर निकलते रहे। जब मंत्री भूपेन्द्रसिंह का भाषण हुआ तब तक आधा हॉल खाली हो गया था।
– मंच पर कई कार्यकर्ता चढ़ गए, जिन्हें वापस उतारने में पुलिस वालों को पसीने आ गए। कोई अपने आपको पार्षद पति बता रहा था तो कोई पार्षद का रिश्तेदार। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे को बीच में आना पड़ा और उन्होंने कुछ लोगों को मंच से उतारा।
– भार्गव ने अपना भाषण शुरू किया, लेकिन हॉल में हो रही चिल्ला-पुकार के कारण सुनाई नहीं आ रहा था तो उन्हें अपना भाषण रोकना पड़ा।
– मंच के बांयीं ओर वाले गेट के बाहर भाजपा के पिछले चारों महापौर के प्रमुख कामों का बखान किया गया था।
– बागी चुनाव लडऩे की घोषणा कर चुके राजा कोठारी यहा से जीते पार्षद राजेश उदावत को गोद में उठाकर अंदर ले गए।
– कुलकर्णी भट्टा क्षेत्र के पार्षद जीतू यादव किसी बात पर निगमकर्मियों पर नाराज होते दिखे तो किसी ने कह दिया कि एमआईसी में आने के पहले ही तेवर नजर आने लगे।
– आगे लगे सोफों पर जगह नहीं होने के कारण कई महिला पार्षद पतियों के लिए खड़ी हो गईं, लेकिन उनके पतियों ने उन्हें बिठवा दिया और कहा कि हम अलग खड़े हो जाएंगे, तुम यहां बेठो।
– जैसे ही पार्षदों की शपथ शुरू हुई तो एक नंबर के पार्षदों को बुलाया गया, लेकिन माइक केवल कमल बाघेला का चालू था।
– भार्गव ने शपथ लेने के बाद सामने बैठे धर्मगुरुओं का आशीर्वाद लिया।
– समारोह शुरू होने के पहले विधायक हार्डिया भाजपा नेता अजीत रघुवंशी के साथ बाहर आ गए और ज्यूस की दुकान पर यह कहते हुए बैठ गए कि अंदर गर्मी ज्यादा है।
– मंत्री तुलसी सिलावट और प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती ग्वालियर में सभापति चुनाव के चलते चलते कार्यक्रम में आए।
– भार्गव की पर्सनल मीडिया टीम से कुछ मीडियाकर्मियों की हुज्जत हो गई। वे बीच-बीच में आ रहे थे और मीडिया के फुटेज नहीं बन पा रहे थे।
– मंच पर बैठा भार्गव का बेटा सब देखकर मन ही मन कुछ बुदबुदा रहा था।
– बाहर दो गाड़ी थी जिस महापौर लिखा था। किसी ने कहा कि एक उनके लिए और एक उनकी बीवी यानि परिवार के लिए दी है।
– कई नेता वीआईपी गेट से अंदर जाने की कोशिश करने में असफल रहे, लेकिन बहाना बनाते रहे कि पुष्यमित्र के साथ ही अंदर जायेंगे।
– पुराने पार्षद भी नयों के साथ बैठ गए, जब उन्हें वहां से उठाया तो उनका चेहरा देखने लायक था।
– पूर्व सभापति और पार्षद शंकर यादव आए, लेकिन घुटने के आपरेशन के चलते ज्यादा देर समारोह में नहीं रुके।
– निरंजन सिंह चौहान का साफा चमक रहा था तो लोगों ने उन्हें एमआईसी की शुभकामनाएं दे डालीं।
– जब शपथ लेकर राजेन्द्र राठौर बाहर निकले तो वहां जीप में बैठे कई अधिकारी उनका अभिवादन करते दिखाई दिए।
– लोकसभा की पूर्व स्पीकर ताई अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ पाई।
– वीआईपी गेट के बाहर मेन गेट पर बार बार हो रहे विवाद के चलते पुलिस वाले झल्लालकर हट गए और नेताओं से कहा कि आप ही व्यवस्था बिगाड़ रहे हो।
– मंच पर कार्यकर्ताओं की भीड़ के कारण पार्षदों का अतिथियों के साथ ग्रुप फोटो नहीं हो पाया, जबकि कई पार्षद तो समरोह से निकल भी गए।
– वीर सावरकर प्रतिमा पर महापौर भार्गव के पहुंचने के पहले पार्षद नंदू पहाडय़िा ने अपने समर्थकों के साथ जमावट कर ली, क्योंकि ये उनका क्षेत्र था।
– एक पार्षद के पास कुछ लोग इसलिए आए थे कि उनकी गाय को निगम वाले घर में से खोलकर ले गए, जबकि गाय को बच्चे के दूध के लिए पाला था।
– बाहर निकले लोग निगम का नाश्ता ढूंढते नजर आए। मालूम पड़ा कि पैकेट ही खत्म हो गए। बाद में कई पार्षदों ने कार्यकर्ताओं को अपनी जेब से चाय-नाश्ता करवाया।
– अभय प्रशाल के मुख्य द्वार पर राजगृही संस्था वाले खड़े थे जो महापौर से मिलने आए थे।
– पुलिस का ज्यादा बंदोबस्त नहीं था, इसलिए कार्यकर्ताओं की ज्यादा चली।
– पहले मंत्री उषा ठाकुर आईं, फिर मोहन यादव और उसके बाद भूपेंद्र सिंह ओर वीडी शर्मा भार्गव को अपनी कार में लेकर आए, उसके बाद कार्यक्रम शुरू हुआ।
– कई हारे हुए पार्षद भी कार्यक्रम में पहुंच गए थे, जिन्हें बाद में पीछे बिठाया गया।
– किन्नर भी भार्गव को शुभकामना देने पहुंचे और मंच पर चढक़र उनकी नजर उतारी।
– शुरुआत में एडीएम अभय बेडेकर ने तिरंगा अभियान की रूपरेखा बताई, लेकिन कार्यकर्ता बात करने में व्यस्त थें।
– कई पार्षद तो शपथ के रूप में पढ़ा जाने वाला कागज अपने साथ लेकर मंच से उतर गए। बाद में निगमकर्मियों ने उनसे हस्ताक्षर करवाकर कागज वापस लिया।
– मंच पर भाजपा के नगर महामंत्री थे, लेकिन मोर्चा अध्यक्षों को जगह नहीं दी गई।
(जैसा संजीव मालवीय ने देखा)
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