उज्जैन। इस बार जिले में शराब की दुकानों के ठेकों की नीलामी के लिए 500 करोड़ का टारगेट रखा गया है। यह दुकानें उज्जैन जिले में 34 ग्रुप में दी जानी है। इसके लिए कुछ दिन पहले नीलामी हुई थी लेकिन 19 ठेकेदारों ने ही टेण्डर डाले थे। शेष रहे 15 ग्रुप के लिए तीन दिन बाद 28 को फिर नीलामी होगी लेकिन इसमें भी ठेकेदारों की रूचि कम नजर आ रही है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले में 34 ग्रुपों में जिले की करीब 142 शराब दुकानों की नीलामी होना है। पहले चरण में सभी 34 ग्रुप के ठेके के लिए आबकारी विभाग ने ऑनलाईन टेंडर जारी किए थे। 142 दुकानों का ठेका इस बार पूरे जिले में देने के लिए 500 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है। आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार शराब के ठेके की दरें महंगी होने के कारण पहले चरण में भी नीलामी प्रक्रिया के दौरान सभी 34 ग्रुप के ठेकेदारों से निविदाएँ बुलाई गई थी, परंतु तब इसमें 19 ग्रुप ने ही टेण्डर डाले थे और 15 ग्रुप पहले चरण की नीलामी से दूर रहे थे। सूत्रों के अनुसार शराब ठेकों में रूचि नहीं लेने के पीछे बड़ा कारण यह है कि इसमें बैस प्राईज को पिछली बार के मुकाबले शासन ने अधिक रखा है। यही कारण है कि सरकार की नई पॉलिसी के कारण ठेकेदार शराब ठेका लेने में रूचि कम दिखा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने नई पॉलिसी में शराब सिंडीकेट को रोकने के लिए छोटे-छोटे ग्रुप में नीलामी का नियम लागू किया है जिसमें एक ग्रुप में अधिकतम 3 दुकानें रहेंगी। सिंडीकेट की मोनोपाली खत्म करने के लिए यह फैसला हुआ है ताकि शराब के दाम कम हों। इधर आबकारी विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसी वजह से पहली बार की नीलामी में भी काफी कम संख्या में टेंडर आए थे। अब उज्जैन जिले में शराब के ठेके के लिए 28 मई को नीलामी का दिन तय किया गया है। इसमें अब गिनती के तीन दिन रह गए हैं। इसके बाद भी ऑनलाईन प्रक्रिया में अभी तक कम ठेकेदार ही रूचि दिखा रहे हैं।
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