धमतरी। मनरेगा योजना में इन दिनों मजदूरों को पर्याप्त काम नहीं मिल पा रहा है। जिलेभर में सिर्फ 3500 मजदूर ही काम कर रहे हैं। अधिकांश मजदूरों के हाथ खाली है। दीपावली त्यौहार और धान कटाई-मिंजाई के बाद नवम्बर माह में मनरेगा कार्याें में तेजी आने की संभावना है। फिलहाल मनरेगा योजना में निर्माण वाले ज्यादातर कार्य जारी है।
जिला मनरेगा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार बारिश के चलते इस योजना के तहत रोजगार मूलक अधिकांश कार्य बंद है। हितग्राही मूलक निर्माण कार्य जारी है, जिसमें गिनती के मनरेगा मजदूरों को ही कार्य मिल रहा है। अधिकांश मनरेगा मजदूरों के हाथ खाली है। जिले के धमतरी, कुरूद, नगरी और मगरलोड ब्लाक के सिर्फ 3500 से 4 हजार मजदूर ही मनरेगा के तहत काम कर पा रहे हैं। मनरेगा योजना के तहत इन दिनों जिले में 15 नवीन ग्राम पंचायत निर्माण कार्य किया जा रहा है। ये सभी पंचायत भवन 15 अक्टूबर तक बनने की संभावना है। 25 आंगनबाड़ी निर्माण कार्य जारी है। जिले में 190 धान चबूतरा निर्माण, 30 मनीकंचन केन्द्र, 165 स्थानों पर गोठान निर्माण कार्य जारी है। वहीं गोठानों में 1061 वर्मी कंपोष्ट व शेड निर्माण किया जा रहा है, जहां कुछ ही मनरेगा मजदूरों को काम मिल पा रहा है। जबकि जिले में दो लाख 54000 मनरेगा मजदूर पंजीकृत है। इनमें से अधिकांश मजदूरों के हाथ खाली है, जिन्में वर्तमान में काम की तलाश है।
एपीओ धरम सिंह ने बताया कि बारिश के चलते मनरेगा कार्याें में तेजी नहीं आई है। धान-कटाई मिंजाई के बाद मनरेगा के कार्याें में तेजी आएगी। नवम्बर-दिसम्बर माह से मनरेगा कार्याें में तेजी आएगी और जरूरतमंद मनरेगा मजदूरों को काम दिया जाएगा। क्योंकि इस साल मनरेगा मजदूरों के लिए कोरोना संकट काल के चलते मानवदिवस में शासन ने पहले की तुलना में इस साल अधिक बढ़ोत्तरी की है।
106 करोड़ का मजदूरी भुगतान
जिला मनरेगा शाखा से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 51 लाख से अधिक मानव दिवस मनरेगा मजदूरों को दिया जा चुका है। 106 करोड़ का मजदूरी भुगतान मजदूरों को किया गया है। जिले में कुल पंजीकृत मजदूरों में से एक लाख 20 हजार मजदूर कार्य करते हैं। कोरोना संकट काल में 9 हजार मनरेगा मजदूर बढ़े हैं, जिन्हें लॉकडाउन के बीच काम की तलाश थी। अब मनरेगा मजदूरों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।