नई दिल्ली। 29 राज्य… अनगिनत शहर… कश्मीर से कन्याकुमारी तक की दूरी और उखड़ती सांसों को जिंदगी देने के लिए मात्र 2400 टैंकर… ऑक्सीजन (Oxygen) मिल भी जाएगी तो कैसे पहुंचाएंगे… ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी से जूझते देश में जरूरतमंदों तक सांसें पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
पूरा देश जहां ऑक्सीजन (Oxygen) के उत्पादन की किल्लतों से जूझ रहा है, वहीं उससे बड़ी समस्या उसकी सप्लाई की है। आमतौर पर ऑक्सीजन (Oxygen) परिवहन करने वाले क्रायोजेनिक टैंकर मात्र 1200 हैं, जिनमें तरल ऑक्सीजन को 200 किलोमीटर तक ले जाया जाता है, लेकिन ऑक्सीजन की मांग बढऩे से जहां 1000 किलोमीटर तक इन टैंकर को ले जाया जा रहा है, वहीं कोविड के अलावा अन्य 1200 टैंकरों को मेडिकल ऑक्सीजन (Oxygen) ले जाने वाले टैंकरों में बदलने के लिए हाल ही मंजूरी दी गई है, जबकि 40 का आयात किया गया है। यानी कुल 2400 टैंकर इस समय कश्मीर से कन्याकुमारी तक के राज्यों और शहरों में ऑक्सीजन सप्लाय में लगे हैं। इन टैंकरों को पहुंचाने के लिए जहां ऑक्सीजन एक्सप्रेस (oxygen express) चलाई जा रही है, वहीं हवाई मार्ग से भी ऑक्सीजन (Oxygen) पहुंचाई जा रही है, लेकिन फिर भी यह काम मुश्किल ही नहीं, बल्कि दूभर है। उधर ऑक्सीजन उत्पादन करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स का कहना है कि अब देश में स्टील प्लांट बंद किए जाने, इंडस्ट्रियल उद्योग बंद किए जाने और उत्पादन बढ़ाए जाने के बाद देश में 3 हजार टन से बढ़ाकर मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygen) का उत्पादन 9200 टन कर दिया गया है।
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