इंदौर। पंजीयन कार्यालय के लिए वर्ष 2021 कमाई के मामले में भाग्यशाली रहा, वहीं 2022 में भी खूब रजिस्ट्री हो रही है। 1 जनवरी से लेकर आज तक 34 हजार रजिस्ट्री हुई हैं, जिससे स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क से विभाग के खजाने में 410 करोड़ रुपए की आय हुई है। शासन ने जो लक्ष्य दिया है, उसे पूरा करने में मात्र 20 करोड़ रुपए ही बाकी हैं, जिसकी पूर्ति करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उपमहानिरीक्षक बालकृष्ण मोरे ने बताया कि इंदौर शहर के मोती तबेला, एमओजी लाइन, ढक्कनवाला कुआं, प्रेस कॉम्प्लेक्स और ग्रामीण क्षेत्र महू, सांवेर और देपालपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में 1 मार्च से लेकर 19 मार्च तक 9 हजार रजिस्ट्री हुई हैं। इन रजिस्ट्री के एवज में स्टाम्प व पंजीयन शुल्क से खजाने में 110 करोड़ रुपए की आय हुई है। 19 दिनों में 1 दिन होली के अवकाश के कारण कार्यालय बंद था, वहीं कल रंगपंचमी पर भी कार्यालय बंद रहेगा। इसके बाद 31 मार्च तक खुला रहेगा।
सबसे ज्यादा आय दिसंबर, फरवरी और जून माह में
पंजीयन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक रजिस्ट्री व पंजीयन शुल्क से सबसे ज्यादा कमाई दिसंबर, फरवरी और जून माह में हुई है। दिसंबर माह में 171 करोड़ की आय हुई। इसके पहले जून माह में 170 करोड़ की आय हुई थी। फरवरी माह में 165 करोड़ तथा जनवरी माह में 135 करोड़ रुपए पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क से खजाने में आए हैं। इसी प्रकार मई में 30 करोड़, जुलाई में 163 करोड़, अगस्त में 151 करोड़, सितंबर में 144 करोड़, अक्टूबर में 140 करोड़ तथा नवंबर में 124 करोड़ की आय हुई थी।
अभी तक 1580 करोड़ की 1 लाख 23 हजार रजिस्ट्री
शासन द्वारा इंदौर जिले के रजिस्ट्रार कार्यालय को वर्ष 2022 का टारगेट 1600 करोड़ का दिया गया है। 19 मार्च तक 1580 करोड़ का राजस्व आ गया है। रजिस्ट्री 1 लाख 23 हजार हुई हैं। पंजीयन विभाग के अधिकारियों द्वारा लक्ष्य से ज्यादा कमाई करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
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