इन्दौर। शासन ने सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे इस शैक्षणिक सत्र में पालकों से ली जाने वाली फीस की राशि की जानकारी सरकारी पोर्टल पर दर्ज करवाए। अभी तक इन्दौर के सौ निजी स्कूलों ने ही यह जानकारी दर्ज कराई है। कल 8 जून को इसकी समय सीमा खत्म होगी और फिर जिन स्कूलों ने जानकारी नहीं दी, उनके खिलाफ 25 हजार रुपये तक के जुर्माने के साथ अन्य कार्रवाई कलेक्टरों द्वारा की जाएगी। लोक शिक्षण कार्यालय द्वारा जारी किया गया यह आदेश सभी सीबीएसई स्कूलों के साथ-साथ एमपी बोर्ड के स्कूलों पर भी लागू किया गया है।
पिछले दिनों सभी कलेक्टरों को शासन ने यह निर्देश भिजवाए कि वे अपने-अपने जिलों के निजी स्कूलों द्वारा ली जाने वाली फीस की जानकारी तो ले ही, साथ ही कापी-किताबें, यूनिफार्म या अन्य सामग्री निर्धारित दुकान से खरीदने पर रोक लगाए और उस पर कार्रवाई भी करें। लोक शिक्षण संचालनालय ने 8 जून की समय सीमा इसके लिए तय की और पोर्टल पर सभी निजी स्कूलों को उनके द्वारा निर्धारित की गई फीस की राशि की जानकारी दर्ज कराने को कहा गया। दरअसल हर साल यह शिकायत पालकों की ओर से मिलती है कि स्कूल-संचालक मनमाने तरीके से फीस वृद्धि कर बोझा डाल देते हैं।
वहीं सालभर अन्य गतिविधियों के अलावा शैक्षणिक सामग्री, यूनिफार्म, कापी किताबें और अन्य में भी अप्रत्यक्ष तरीके से लूटपाट की जाती है, जो स्कूल पोर्टल पर निर्धारित जानकारी अपलोड नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन्दौर जिले के लगभग 100 स्कूलों द्वारा यह जानकारी अपलोड करने की सूचना मिली है, वहीं कुछ स्कूलों द्वारा अब आज और कल यह जानकारी अपलोड की जाएगी। इन्दौर में 160 सीबीएसई पाठ्यक्रम संचालित निजी स्कूल हैं तो 800 से ज्यादा स्कूल एमपी बोर्ड के तहत संचालित किए जाते हैं। जिला शिक्षा विभाग ने कल भी कई स्कूलों को रिमांइडर भेजें, वे आज और कल में डाली गई जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें। एक हजार से दो हजार तक छात्रों वाले स्कूलों पर 15 हजार रुपये और पांच से एक हजार छात्रों वाले स्कूलों पर 10 हजार रुपये, 500 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में 5 हजार और अगर दो हजार से अधिक छात्र किसी स्कूल में है तो उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना कल तक जानकारी अपलोड न करने पर वसूल किया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved