कोरोना काल के चलते 7 मामलों का निपटारा, पांच में खात्मा
इंदौर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों और लोकसेवकों पर की जाने वाली कार्रवाई में कमी आती जा रही है। वर्ष 2020 का रिकार्ड देखें तो मात्र 46 शिकायतें मिलीं, जिनमें 10 मामले पंजीबद्ध किए गए। 3 साल में केवल 36 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि छापे की कार्रवाई नगण्य रही है।
ईओडब्ल्यू एसपी धनंजय शाह के मुताबिक कोरोना काल के चलते विभाग की कार्रवाई लगभग ठप-सी रही। इस कारण छापामार कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके कारण भी प्रकरणों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि जहां 2018 में 14 मामले पंजीबद्ध हुए थे, 5 में चालान पेश किया गया, 9 का निराकरण हुआ, वहीं इतने ही मामले का खात्मा हो गया, का निराकरण किया गया। वर्ष 2018 में नगर निगम के इंजीनियर अभय राठौर के यहां छापामार कार्रवाई की थी, जहां से करोड़ों की अनुपातहीन संपत्ति मिली थी। उसके बाद कोई छापामार कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में 12 मामले पंजीबद्ध किए गए, 5 में चालान पेश किया गया, 4 में खात्मा रिपोर्ट पेश की गई और 13 में निराकरण किया गया। इस तरह प्रारंभिक जांच में अन्य 13 मामलों का भी निराकरण किया गया। इस तरह कुल 1 वर्ष में 79 मामले निपटाए गए।
सबसे कम मामले वित्त वर्ष 2020 में हुए, जब 10 मामले पंजीबद्ध किए गए, 2 में चालान पेश हुए और बाद में खात्मा रिपोर्ट पेश हुई और 46 अन्य का निराकरण किया गया। उन्होंने बताया कि कुछ मामले जांच में आए हैं, जिनमें सहकारिता, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों के भी हैं, जिनकी जांच शुरू की गई और जल्द ही इसमें आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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