भोपाल। प्रदेश में एक अप्रैल से हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति के नामांतरण आनलाइन किए जाएंगे। जिस काम के लिए हितग्राहियों को कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे, अब वह काम घर बैठकर हो जाएगा। पूरे प्रदेश में हर साल 25 हजार के लगभग आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों का नामांतरण होता है। प्रदेश में हाउसिंग बोर्ड की एक लाख 43 हजार संपत्तियां हैं। हाउसिंग बोर्ड आवासीय संपत्ति पर 1.5 प्रतिशत, कामर्शियल पर 3 प्रतिशत शुल्क लेता है। हाउसिंग बोर्ड के अफसरों के पास सबसे अधिक शिकायतें नामांतरण के संबंध में ही पहुंचती हैं। नियम के मुताबिक आवेदन करने के एक से डेढ़ माह बाद नामांतरण कर दिया जाना चाहिए, लेकिन अक्सर पांच से छह महीने तक का समय लग जाता है। नामांतरण कराने के लिए हितग्राही को बोर्ड के कार्यालय जाकर फार्म भरना पड़ता है। इसमें सभी आवश्यक कागज साथ लगाए जाते हैं। नामांतरण का कितना शुल्क जमा करना होगा, यह हितग्राही को बाद में बताया जाता है। इसके लिए हितग्राही को कई चक्कर लगाने पड़ते हैं।
अलॉटी नाम के पोर्टल पर आवेदन फार्म भरना होगा
एक अप्रैल से हाउसिंग बोर्ड की वेबसाइट पर अलॉटी नाम के पोर्टल पर आवेदन फार्म भरना होगा। वहीं पर उसको दस्तावेज अपलोड करके सबमिट करने होंगे। उसको निश्चित दिन के बाद पोर्टल पर ही जानकारी मिल जाएगी कि उसके फार्म की क्या स्थिति है। अगर कोई कमी होगी तो घर बैठे जानकारी मिल जाएगी और वहीं से हितग्राही पूरा कर देगा। सभी औपचारिकता पूरी होने के बाद ऑन लाइन ही पैसे जमा हो जाएंगे। बार-बार आफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे। काम आनलाइन होने से प्रदेश स्तर पर अधिकारी भी उसको चेक कर सकेंगे कि कितने आवेदन कहां आए और उनकी क्या स्थिति है। फार्म के आगे नहीं बढऩे पर संबंधित अधिकारी व बाबू से जानकारी भी ली जा सकेगी, जिससे काम जल्दी हो जाए। हाउसिंग बोर्ड की संपत्तियां लीज पर हैं, इसलिए वहां उनका नामांतरण कराना जरूरी है। कई बाद हितग्राही नगर निगम में नामांतरण कराता है, लेकिन जब लीज रिन्यू होने की बात आती है तो उसको दिक्कत आती है। जिसकी वजह से वह परेशान होता है।
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