नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र सरकार (Central government) ऑनलाइन फ्रॉड (online fraud) की समस्या से काफी परेशान है। ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं को मोबाइल फोन से सबसे ज्यादा अंजाम दिया जाता है। सरकार की तरफ से ऑनलाइन फ्रॉड रोकने की तमाम कोशिश फेल हो चुकी है, लेकिन समस्या पूरी तरह बरकरार है। ऐसे में सरकार एक्शन के मूड में आ चुकी है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से..
सरकार ने बनाया 100 दिनों का प्लान
सरकार ने 100 दिनों का प्लान तैयार किया है, जिसके अनजान कॉल करके फ्रॉड करने वालों की पहचान की जाएगी। साथ ही फ्रॉड करने वालों के नंबर को ब्लॉक कर दिया जाएगा। साथ ही इस तरह के मामलों की शिकायत के लिए एक नोडल एजेंसी बनाई जाएगी, जिसे नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी के नाम से जाना जाएगा। सरकार की कोशिश है कि किसी भी तरह के फ्रॉड को समय रहते पहचान कर उसे ब्लॉक किया जाए।
कॉलर आईडी का नियम होगा लागू
सरकार ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन यानी CNAP सर्विस को 100 दिनो में शुरू करने का ऐलान किया है। ऐसे में 1 अगस्त से देश में कॉलर आईडी सिस्टम लागू किया जा सकता है। साथ ही नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (NCSA) को शुरू कर दिया जाएगा। बता दें कि NCSA सरकार का ऑर्गेनाइजेशन है, जो डिजिटल फ्रॉड को रोकने का काम करता है।
सरकार ने उठाए ये बड़े कदम
सरकार की ओर से इस साल 13 मिलियन संदिग्ध सिम कार्ड को ब्लॉक किया गया है। साथ ही 70 हजार प्वाइंट ऑफ सेल मशीन डिस्कनेक्ट किया गया। इस साल करीब 1.56 लाख हैंडसेट से फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इसी दौरान करीब 200K फेक एसएमएस हैंडल को बंद किया गया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने 23 फरवरी को फ्रॉड कॉल करने के लिए CNAP बनाने का प्रस्ताव दिया गया था।
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