नई दिल्ली । अनिश्चित मानसून के कारण नई फसल आने में देरी से इस साल त्योहारी सीजन (festive season) में प्याज (Onion) की कीमतें परेशान कर सकती है। क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, खरीफ फसल की आवक में देरी और चक्रवात ताउते के कारण बफर स्टॉक में मौजूद प्याज के अधिक दिनों तक सुरक्षित नहीं रहने की वजह से प्याज की कीमतें अक्तूबर-नवंबर (October-November) के दौरान ऊंची बनी रह सकती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में फसल रोपाई में आने वाली मुश्किलों की वजह से खरीफ 2021 के लिए कीमतें 30 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर सकती हैं। हालांकि, यह खरीफ 2020 के उच्च आधार के कारण सालाना आधार पर थोड़ी कम (1-5 फीसदी) रहेंगी।
नई फसल की आवक में 3 सप्ताह तक देरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल इसी त्योहारी सीजन में प्याज की कीमतें 2018 के सामान्य वर्ष की तुलना में दोगुनी हो गई थीं। उस समय भारी बारिश की वजह से आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में खरीफ फसल को भारी नुकसान हुआ था।
इन तीनों राज्यों में 75 फीसदी से ज्यादा खरीफ प्याज का उत्पादन होता है। मानसून की अनिश्चितता के कारण अक्तूबर अंत तक या नवंबर की शुरुआत तक बाजार में खरीफ प्याज की आवक में दो-तीन सप्ताह की देरी हो सकती है। इसका असर कीमतों पर पड़ेगा।
3 फीसदी बढ़ सकता है उत्पादन
क्रिसिल ने कहा कि रोपाई के लिए सबसे अहम महीना अगस्त में मानसून की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बावजूद खरीफ 2021 का उत्पादन सालाना आधार पर 3 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा, महाराष्ट्र से प्याज की फसल देर से आने के बाद भी बुवाई रकबा बढ़ने, बेहतर पैदावार, बफर स्टॉक और निर्यात पर पाबंदी से कीमतों में मामूली गिरावट आने की उम्मीद है।
सरकार ने महंगाई रोकने के लिए उठाए ये कदम
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved