अभी मुख्य मार्गों पर लगा रहा है निगम, पूरे शहर में 3300 दो कलर के डस्टबिन पहले से लगे
इंदौर। नगर निगम ने शहर में अभी निले और हरी डस्टबीन सूखे और गीले कचरे के लिए लगवा रखी है। अब उसके साथ में कोरोना कचरे के लिए अलग से एक और पीली डस्टबीन लगवाई जा रही है, जो कि जैव अपशिष्ट कचरा, जिसमें मास्क, ग्लब्स, कैप, सेनिटाइजर, पीपीई किट इत्यादि का कचरा डाला जा सकेगा। अभी शहर के प्रमुख मार्गों पर एक हजार पीली डस्टबीन लगाने का काम निगम अमले ने शुरू किया है। 3300 स्थानों पर दो पुरानी डस्टबीनों के साथ ये डस्टबीन लगेगी।
नगर निगम कचरा वाहनों के जरिए सुबह और शाम को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग हासिल करता है, जिसे फिर कचरा ट्रांसफर स्टेशनों के बाद ट्रेंचिंग ग्राउंड भिजवाया जाता है, जहां हर तरह के कचरे का उपयोग किया जा रहा है। वहीं नगर निगम ने पाउच, पानी की बोतल या अन्य ऐसे छोटे-मोटे कचरे ेके लिए शहरभर में 3300 स्थानों पर नीली और हरी डस्टबीन लगवा रखी है। हालांकि कई स्थानों पर यह डस्टबीनें टूट-फूट गई, तो कई चोरी भी हो गई। पुरानी डस्टबीनों को भी बदला जा रहा है। नीली डस्टबीन में सूखा कचरा डाला जाता है और हरी डस्टबीन में गीला कचरा सड़क पर चलने वाले लोग डाल सकते हैं। अब कोरोना के चलते इससे संबंधित कचरा भी शहर में निकलने लगा है। मास्क, सेनिटाइजर बोतल, पीपीई किट, ग्लब्स जैसे जैव अपशिष्ट कचरे को भी लोग अभी नीली-हरी डस्टबीन में ही डाल देते हैं, जबकि इससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। कचरा वाहनों पर तो नगर निगम अलग से इस तरह का कचरा ले रहा है, लेकिन शहर के प्रमुख बाजारों, मार्गों, चौराहों पर अब इसके लिए पीली डस्टबीन लगवाना भी शुरू कर दी है। निगमायुुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक सभी स्थानों पर पुरानी डस्टबीनों को भी बदला जा रहा है और साथ में पीली डस्टबीन भी लगवाना शुरू कर दी है। निगम अधिकारी महेश शर्मा के मुताबिक अभी एक हजार स्थानों पर पहले ये पीली डस्टबीन लगवाई जा रही है, जिसमें सभी प्रमुख मार्ग शामिल किए गए हैं। अभी एमवाय के सामने दवाई दुकानों के आगे, आरएनटी मार्ग, एमजी रोड, जवाहर मार्ग और अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में जो डस्टबीन लगी है वहां पर इन्हें लगवाया जा रहा है। पूरे शहर में नगर निगम ने 3300 स्थानों पर ये डस्टबीन लगवा रखी है, जहां पर ये पीली डस्टबीन भी लगेगी।
लिटरबिन गंदा मिलने पर 7 निरीक्षकों पर गिरी गाज
आयुक्त ने रिंग रोड पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि यहां पर लगे हुए लीटरबिन की नियमित रूप से साफ सफाई नहीं की जा रही है तथा लीटरबिन कचरे से भरे हुए पाए गए साथ ही इसके आसपास सफाई नहीं पाई गई। लापरवाही करने पर 7 मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षकों के 3 -3 दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी किए गए जिन मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के वेतन काटने के आदेश दिए गए हैं उनमें राजेंद्र कल्याण जोन क्रमांक 7, वीरेंद्र चौहान जोन क्रमांक 8 विवेक यादव जोन क्रमांक 10 हिमांशु गुप्ता जोन क्रमांक 11, ब्रजमोहन विश्वकर्मा जोन क्रमांक 16, जुगल कल्याणे, जोन क्रमांक 18, संजय घावरी जोन 19 है !
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved