फर्जी जमानत देने वाले गिरोह में सौ से अधिक लोग बनेंगे आरोपी
इंदौर। कोर्ट में फर्जी जमानत देने वाले एक गिरोह का क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले भंडाफोड़ कर आधा दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। इनके पास से पुलिस को एक हजार ऐसे पन्ने मिले थे, जिन पर बदमाशों की जमानत हुई थी। अब क्राइम ब्रांच ने कोर्ट को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि किसकी जमानत हुई और किसने दी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सौ से अधिक लोग शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी होगी।
डीसीपी क्राइम निमिष अग्रवाल ने बताया कि फर्जी ऋण पुस्तिका के आधार पर इंदौर और आसपास की कोर्ट में फर्जी जमानत देने वाले गिरोह के प्रकाश चावड़ा, करण चावड़ा, रमेश, कैलाश के अलावा आधा दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से पहले 87 फर्जी ऋण पुस्तिका मिली थीं। बाद में पूछताछ में पता चला कि ये लोग जिस पन्ने पर कोर्ट की ओर से जमानत के सील-सिक्के लगाए जाते थे वह पन्ना बदल देते थे। इन लोगों ने ऐसे हजारों पन्ने छपवा रखे थे। इस पर टीम ने छापा मारा तो सील-सिक्के लगे एक हजार पन्ने मिले। इससे एक हजार लोगों की जमानत के प्रमाण मिले हैं। इसके चलते कोर्ट को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है कि किसकी जमनात हुई और किसने दी, क्योंकि जमानत के लिए खड़े होने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड भी रजिस्टर्ड होता है। उनका कहना है कि गिरोह में सौ से अधिक लोग हो सकते हैं। सभी के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।
फरार हुए आरोपियों को भी पकड़ेंगे
डीसीपी का कहना है कि प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि फर्जी जमानत लेने वाले ज्यादातर बदमाश बाहरी हैं, जो जमानत के बाद फरार चल रहे हैं। उनकी भी जानकारी निकालकर गिरफ्तारी की जाएगी। इसके अलावा आसपास के जिले और तहसील कार्यालय से भी जानकारी मांगी गई है। आशंका है कि वहां भी कुछ लोग गिरोह से मिले हो सकते हैं। इनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
तीन से चार गिरोह सक्रिय
आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि कोर्ट में फर्जी जमानत देने वाले तीन से चार गिरोह सक्रिय हैं और इनमें कई सदस्य हैं। अभी पुलिस के हाथ एक ही गिरोह लगा है। इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद से ये लोग गायब हैं। बाकी को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved