इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बाढ़ का कहर (flood havoc) थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात ये हैं कि एक तिहाई पाकिस्तान जलमग्न हो गया है। 12 लाख से अधिक गर्भवती महिलाएं (pregnant women) राहत शिविरों में हैं और उनके सामने सुरक्षित प्रसव का संकट पैदा हो गया है।
पाकिस्तान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. पलिता गुणरत्ना महिपाल ने बताया कि बाढ़ के कारण करीब 10 प्रतिशत स्वास्थ्य संस्थान तहस-नहस हो चुके हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में तो पूरा स्वास्थ्य तंत्र ध्वस्त हो चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी रिपोर्ट में उन पाकिस्तानी बच्चों की जान को खतरा बताया है, जिन्होंने बाढ़ के समय जन्म लिया है। दरअसल, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है लेकिन वहां पर्याप्त चिकित्सीय व्यवस्थाएं न होने के कारण उनकी जान पर भी बन आई है।
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