उज्जैन। नवरात्रि का आज अंतिम दिन है। बाजारों में और धर्मस्थानों पर लोगों की और भीड़ उमड़ रही है। इसी बीच छत्रीचौक से लेकर कंठाल चौराहा तक आने वाले मार्ग पर बीच सड़क में वाहन पार्क करने का चलन भी बढ़ गया है। इस वजह से रास्तों से पैदल आना-जाना भी मुश्किल हो रहा है। बीते 19 महीनों से लोग कोरोना महामारी का आतंक और भय झेल रहे हैं। महामारी के शुरुआत के बाद दो बार लॉकडाउन की स्थिति बनी लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया शुरु होने के बाद से प्रमुख बाजारों में रौनक लौटना शुरु हुई थी और तभी से इसका असर संकीर्ण लेकिन व्यस्ततम मार्गों पर ज्यादा नजर आने लगा था। इधर पिछले एक महीने से लोग त्यौहारों की खरीददारी में जुट गए थे। बाजारों में भी लोग जरूरी वस्तुओं की खरीदी कर रहे थे लेकिन अब नवरात्रि पर्व का भी आज समापन हो जाएगा। कल विजयादशमी का पर्व मनेगा और लोग दीपावली की तैयारियों में जुट जाएँगे।
इससे कोरोना के कारण ठंडे पड़े व्यापार के गति पकडऩे की उम्मीद व्यापारियों को है और बाजारों में अब भीड़ भी बढऩे लगी है। पुराने शहर में कंठाल से होते हुए सतीगेट, खड़े हनुमान और छत्रीचौक से गोपाल मंदिर तक का मार्ग त्यौहारी खरीदी-बिक्री वाली दुकानों के लिए मशहूर है। यहाँ त्यौहारों के अलावा आम दिनों में भी सड़कें सूनी नहीं रहती। अब जबकि बाजारों में रौनक बढ़ रही है तो इस मार्ग पर दुकानदार और उनके ग्राहक बीच सड़क में वाहन पार्क करने लगे हैं। इस वजह से कंठाल चौराहा से लेकर खड़े हनुमान तक की सड़क सुबह से ही गली में तब्दील हो जाती है और देर शाम तक यहाँ जाम जैसी स्थिति रहती है। हैरत की बात यह है कि एकांकी मार्ग घोषित होने के बावजूद यातायात का अमला इसका पालन नहीं कराता है। इधर चौराहे सुधार की यातायात पुलिस की योजना भी कोरोना काल में ठंडी पड़ी रही। यहीं वजह है कि त्यौहारों के बीच बाजारों में भीड़ का असर चौराहों पर भी साफ नजर आ रहा है। शहर के कंठाल, नई सड़क, फव्वारा चौक, दौलतगंज, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनीबाजार, लखेरवाड़ी के कई तिराहे और चौराहे सुबह से शाम तक जाम में उलझ रहे हैं। इससे भीड़ नियंत्रण होने की बजाए सड़कों पर अव्यवस्थाएं फैल रही है।
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