चंडीगढ़। पंजाब के सीएम भगवंत मान की लोकसभा सीट रहे संगरूर के उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी बड़ी तैयारी करने में जुटी है। इस चुनाव के लिए उसने कुल 6 मंत्रियों को प्रचार में तैनात कर दिया है। एक तरफ भाजपा के कैंडिडेट केवल सिंह ढिल्लों आक्रामक प्रचार में जुटे हैं तो वहीं अकाली नेता कमलदीप कौर राजोआणा ने भी कैंपेनिंग शुरू कर दी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई है। उसने राज्य सरकार के मंत्रियों कुलदीप सिंह धालीवाल, ब्रह्मशंकर जिम्पा, डॉ. बलजीत कौर, हरभजन सिंह, गुरमीत सिंह मीत और ललजीत सिंह भुल्लर को कमान को सौंपी है।
इन लोगों को संगरूर लोकसभा सीट के तहत आने वाले 6 विधानसभा क्षेत्रों पर फोकस करने के लिए कहा गया है। इस तरह एक मंत्री के जिम्मे एक विधानसभा को दिया गया है। फिलहाल ये मंत्री जनसभाएं कर रहे हैं और आम आदमी पार्टी की उपलब्धियां बताने में जुटे हैं। खासतौर पर पार्टी की आम आदमी वाली छवि पर पेश करने पर नेताओं का फोकस है। पार्टी कैंडिडेट गुरमैल सिंह की भी एक आम आदमी की छवि रही है, जिसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। इन नेताओं को जिम्मा दिया गया है कि इस बार की जीत भगवंत मान को मिली विजय से भी बड़ी होनी चाहिए क्योंकि राज्य में अब तो ‘आप’ की ही सरकार है।
मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब के बदले हालात?
हालांकि ऐसा टारगेट हासिल करना पाना बहुत आसान नहीं लगता है। इसकी वजह यह है कि विपक्षी दल लगातार पंजाब में कानून व्यवस्था को मुद्दा बना रहे हैं। कई हत्याएं होने से पंजाब सरकार दबाव में थी, लेकिन पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने उसे बैकफुट पर ही धकेल दिया। फिलहाल आप सरकार इस संकट से उबरने का प्रयास कर रही है और लगातार अपनी छवि भ्रष्टाचार को खत्म करने और अपराध से निपटने वाली सरकार के तौर पर पेश कर रही है। संगरूर के तहत आने वाली सीटों का प्रतिनिधित्व करने वाले भगवंत मान समेत 3 मंत्री फिलहाल इसी प्लान में जुटे हैं कि कैसे विपक्ष की काट करते हुए जीत का अंतर बढ़ाया जाए।
भगवंत मान ने 1.10 लाख वोटों से हासिल की थी जीत
इससे पहले 2019 में भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा सीट पर 1.10 लाख के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। हालांकि इसी साल मार्च में आम आदमी पार्टी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें सीएम बनाया गया था और उन्होंने इसके लिए लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
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