अपर कलेक्टर की समझाइश पर बुजुर्ग परिवार में लौटी खुशियां
इन्दौर। प्रशासनिक अधिकारियों (Administrative Officers) की समझाइश और सूझबूझ से एक बुजुर्ग परिवार (Elderly Families) में खुशियां लौट आईं। वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) पर एक प्रौढ़ महिला (Adult Women) हिमानी आश्रय के लिए आईं। प्रशासक डॉक्टर वंचना सिंह परिहार (Vanchana Singh Parihar) से परामर्श कर उन्हें आश्रय दिया गया। पहले दो दिन तक वह गुमसुम रहीं और रोती रहीं। पूछताछ में पता चला कि उनका बड़ा बेटा घर छोडक़र चला गया और छोटा बेटा ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) से पैरालाइज्ड (Paralyzed) के कारण बिस्तर पर पड़ा है। महिला का कहना था कि बेटा शराब पीकर मुझसे दुव्र्यवहार करता है और पति को भी शराब की लत होने से वह भी उसी का साथ देते हैं, इसलिए उससे कुछ नहीं कहते। बड़े बेटे ने परामर्श में बताया कि मैं दिनभर भाई की देखभाल करता हूं, इसलिए थकान के कारण कभी-कभी शराब पी लेता हूं। मैं अगर घर छोडक़र चला गया तो भाई की देखभाल कौन करेगा। मां भी बीमार हो जाती हैं। वह कुछ दिन पहले ही अस्पताल में एडमिट थीं।
बेटी है अमीर…पर उसके पास नहीं जाती मां
हिमानी की बेटी काफी अमीर है, लेकिन इंदौर से बाहर नौकरी करती है। वह अपनी मां को कई बार अपने पास बुला चुकी है, लेकिन तकलीफों के साथ ऐसी जकड़ गई थीं कि उन्हें किसी की सकारात्मक बातें भी नकारात्मक ही समझ आती थीं। परिस्थितियों को समझने के लिए उनके परिजनों से भी दूरभाष पर सम्पर्क किया गया। काउंसलर अलका फणसे द्वारा परिजन को कार्यालय बुलाया गया और बड़े बेटे की उपस्थिति में उसके चाचा से भी बात की गई तो उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि बड़ा बेटा ही पूरे घर का ख्याल रखता है। भाभी नाराज हैं, इसलिए बेटे को घर से निकालना चाहती हैं। बड़े बेटे को समझाया गया कि वह कहीं भी पार्ट टाइम जॉब ढूंढे, जिससे मां की शिकायत भी दूर हो जाए। इससे घर में तुम्हारी कद्र भी रहेगी।
वन स्टाप सेंटर ने एडीएम के पास भेजा प्रकरण
वन स्टॉप सेंटर (One Stop Center) द्वारा प्रकरण को एडीएम पवन जैन के पास ले जाया गया। एडीएम ने सभी पहलुओं को समझते हुए बेटे को समझाया कि बुजुर्ग माता-पिता का ध्यान रखो और अच्छे से व्यवहार करो, जिस पर बच्चे मान गए और परिवार में वापस खुशियां लौट आईं।
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