इंदौर। शहर में मौजूद फेफड़े की टीबी वाले पुराने मरीजों के आसपास वाले घर और पड़ोसी इलाकों में जिला क्षय उन्मूलन केंद्र ने पिछले हफ्ते से टीबी के संदिग्ध मरीजों को ढंढने का सर्वे अभियान चला रखा है। इस सर्वेक्षण को टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वेअभियान नाम दिया गया है। इस सर्वे के अंतर्गत फेफड़े की टीबी वाले पुराने मरीजों के घर के आसपास किए गए सर्वे और सैम्पल की जांच में अब तक फेफड़े की टीबी के 35 नए मरीज मिले हैं।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र जैन के अनुसार ठंड के मौसम यानि सर्दी के दिनों में फेफड़े की टीबी वाले मरीजों के खांसने और खखार थूकने से इसके सम्पर्क में आने वालों में टीबी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए शहर में 11 दिसम्बर से टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत 15 दिन में पिछले साल 2022 में रजिस्टर्ड 3527 टीबी मरीजों के साथ या उनके आसपास रहने वाले संदिग्धों के सैम्पल की जांच की जाना है। इनमें से अभी तक 995 मरीजों के आसपास के घरों की जांच हो चुकी है। यह सर्वे अभियान और जांचें 26 दिसम्बर तक जारी रहेंगी।
अब तक 3000 से ज्यादा संदिग्धों की जांच
इस अभियान में 11 दिसम्बर से फेफड़े की टीबी के 3527 पुराने मरीजों में से अब तक 995 टीबी मरीजों के आसपास सम्पर्क में रहने वाले 4239 संदिग्ध लोगों की खखार की जांच की जा चुकी है। जांच से पता चला कि इनमें से अब तक 35 नए मरीज फेफड़े की टीबी की चपेट में आ चुके हैं। इन सभी मरीजों का तत्काल मुफ्त इलाज शुरू कर दिया गया है। बाकी मरीजों के आसपास इस हफ्ते सर्वे किया जाना है, जो आज से फिर शुरू हो रहा है। एक टीम एक दिन में एक मरीज के आसपास 10 घरों में जाकर सर्वे और जांच कर रही है।
सर्वे अभियान में 32 टीम जुटी हैं
जिला क्षय उन्मूलन केंद्र कार्यालय इंदौर के सीनियर सुपरवाइजर आशीष शुक्ला के अनुसार शहर में पिछले साल के पल्मोनरी टीबी यानि फेफड़े से सम्बंधित संक्रामक टीबी के 3527 मरीज मौजूद हैं। इन्हीं के मरीजों के घर और आसपास में 32 टीमों के जरिये टीबी एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे अभियान चलाया जा रहा है। एक टीम में 2 से तीन कर्मचारी मौजूद रहते हैं। 11 दिसम्बर से अभी तक 995 पुराने मरीजों के आसपास के 4239 घरों में सर्वे और जांच हो चुकी है। एक टीम को एक मरीज के आसपास के 10 घरों के सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है।
मुफ्त इलाज के साथ हर महीने 500 रुपए
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले साल के फेफड़े वाली टीबी के 3527 मरीजों के अलावा इस साल शहर और इंदौर जिले 94 हजार 784 संदिग्धों के सैम्पल्स की टीबी सम्बन्धित जांचें की गईं। इनमें से 9219 में टीबी की बीमारी पाई गई। इन सभी का इलाज जारी है। सरकार टीबी के मरीजों की सारी जांच और इलाज बिल्कुल मुफ्त करती है। इतना ही नहीं इलाज के साथ इन्हें ठीक होने तक हर महीने 500 रुपए की आर्थिक सहायता भी देती है।
यदि15 दिन से लगातार खांसी चल रही है तो
डॉ. शैलेन्द्र जैन ने बताया कि टीबी 2 प्रकार की होती है। एक संक्रामक और दूसरी गैर संक्रामक टीबी। सर्दी के दिनों में संक्रामक टीबी यानि फेफड़े से सम्बंधित टीबी के फैलने का ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए यदि किसी को भी 15 दिन से लगातार खांसी चल रही है तो तुरंत टीबी अस्पताल में जाकर दिखाएं। इसका इलाज सरकार द्वारा बिल्कुल मुफ्त किया जाता है।
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