भोपाल। मप्र में आयकर छापों को लेकर राजनीति के साथ-साथ प्रशासनिक हलकों में भी जबर्दस्त खलबली मची हुई है। इधर खबर आ रही है कि जिन चार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी की गई है उनमें से एक अधिकारी ने इस्तीफा देकर सरकार से आरपार लडऩे का मन बना लिया है। आयकर विभाग की रिपोर्ट में जिस तरह से विभागों पर वसूली के आरोप लगे हैं उससे एक दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
मार्च 2019 में पड़े आयकर छापे की रिपोर्ट के बाद प्रदेश की राजनीति में जबर्दस्त तूफान आ गया है। पहली बार एक साथ तीन आईपीएस अधिकारी और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी के खिलाफ एफआईआर करने के चुनाव आयोग के आदेश के बाद राज्य सरकार संशय की स्थिति में आ गई है। आयकर विभाग की रिपोर्ट में अधिकारियों के अलावा कांग्रेस और भाजपा के तमाम विधायकों सहित अनेक अधिकारियों पर भी आंच आ रही है।
यद्यपि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में बेहद संभलकर बयान दे रहे हैं। सरकार ने भी अभी तक एफआईआर करने के आदेश नहीं दिए हैं। इधर खबर आ रही है कि जिन चार अधिकारियों पर एफआईआर होनी उनमें से एक अधिकारी ने नौकरी छोडऩे का मन बना लिया है। जिस दिन एफआईआर होगी उसके तत्काल बाद अधिकारी इस्तीफा देकर कोर्ट का रूख करेंगे। बताया जाता है कि जिस अधिकारी ने इस्तीफा देने का मन बनाया है, उनके पास पिछली भाजपा सरकार से संबंधित कई फाईलें हैं। जिनके आधार पर वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
कमलनाथ के बचाव में दिग्विजय सिंह
इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बचाव में कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह, अरूण यादव और जीतू पटवारी को उतार दिया है। दिग्विजय सिंह इस मुद्दे पर भाजपा के कुछ बड़े नेताओं को घेरने की कोशिश करेंगे।
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