भोपाल। कांग्रेस को उपचुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है। चंबल के बड़े नेता और 50 साल से पार्टी की सेवा कर रहे पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध मंगलवार को दतिया जिले के शीर्ष नेताओं के सामने बसपा में शामिल हो गए। वे भांडेर से फूल सिंह बरैया को टिकट दिए जाने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने 9 दिन पहले खुले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने विरोध जताया था। उन्होंने कहा था- राजा साहब, मेरे साथ लगातार अन्याय हो रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अब तक 6 बार टिकट कट चुका है। 50 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। भांडेर से जिन्हें टिकट दिया गया है, वह तिलक, तराजू और तलवार का नारा देकर लोगों को जातिगत रूप से बांटने का काम करते हैं। लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे।
स्थानीय नेताओं का विरोध मिल सकता है
महेंद्र बौद्ध भांडेर में लंबे समय से सक्रिय हैं। लोगों के बीच उनकी अच्छी पहचान बताई जाती है। ऐसे में बरैया का खुलकर विरोध करने का एक कारण स्थानीय नेताओं का भी उनके समर्थन में खड़ा होना है। वे लंबे समय तक पार्टी का एक अति पिछड़ों के लिए चेहरा रहे हैं। पार्टी के लिए उनके बीच रहकर काम करते रहे हैं। बरैया का स्थानीय स्तर पर लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा, क्योंकि बौद्ध के चुनाव लडऩे पर कांग्रेस के ज्यादा वोट करेंगे।
इसलिए नहीं गया भाजपा में
कांग्रेस छोडऩे के बाद बौद्ध ने कहा कि भाजपा में इसलिए नहीं गया, क्योंकि उनकी सरकार है। सरकार में जाने के बाद कोई काम नहीं करता है। बसपा की सरकार नहीं है। ऐसे में यहां रहकर मुझे आम लोगों के बीच जाने का मौका मिलेगा। उनकी बात समझ सकूंगा। इसलिए बसपा में शामिल हुए हैं।
खुले तौर पर विरोध जताया था
महेंद्र बौद्ध ने भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ पहले ही विरोध के संकेत दे दिए थे। उन्होंने किला चौक पर आयोजित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण समारोह में खुले तौर पर पार्टी के निर्णय का विरोध किया था। दिग्विजय ने महेंद्र बौद्ध को यह कहकर समझाया कि हम पीछे हट नहीं सकते हैं। चर्चा करेंगे, बातचीत करेंगे, कोशिश करेंगे, हाथ-पांव जोड़ेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे, यही कह सकते हैं। अन्याय तो हुआ है लेकिन क्या कर सकते हैं। मैं टिकट वितरण में कतई हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण कराने पर मैं महेंद्र को शुभकामनाएं देता हूं।
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