बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में बाढ़ के रौद्र रूप से 75 गांव की एक लाख आबादी प्रभावित है. यह सभी गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. हालांकि अब सरयू का जल स्तर धीरे-धीरे घट रहा है, जो कि राहत की बात है. बता दें कि पहले सरयू अपने खतरे के निशान (94.03 मीटर) से मात्र 3 सेंटीमीटर नीचे बह रही थी. अब पानी लगभग डेढ़ मीटर और नीचे आ चुका है.
हालांकि बाढ़ प्रभावित गांवों में डेंगू, मलेरिया, डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ेगा, तो पशुओं के ऊपर भी संकट के बादल घिरे हुए हैं. इस वक्त जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई डॉक्टरों की टीम के साथ-साथ पांच हजार से अधिक सफाई कर्मियों को लगाया गया है. इस वक्त कई गांवों में साफ सफाई के साथ ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है. इसके अलावा पशुओं के टीकाकारण के लिए पशु चिकित्सकों को भी लगाया गया है.
पीने के पानी की समस्या होगी खड़ी
नदी का जलस्तर घटने के साथ ही लोगों के सामने पीने के पानी की समस्या सबसे अधिक रहेगी, क्योंकि उनको साफ पानी नहीं मिल पायेगा. दूषित पानी पीने से उनको कई खतरनाक बीमारियों का सामना करना पड़ेगा. बाढ़ प्रभावित गांव के निवासी आज्ञाराम ने बताया कि उनके यहां अब बाढ़ के पानी का स्तर घट गया है, लेकिन जमीन दलदली हो चुकी है. इस वजह से रहना और खाना पीना बहुत ही मुश्किल हो चुका है. सामान सड़ने की वजह से काफी बदबू फैल रही है. वहीं, पानी भी अब पीने लायक नहीं बचा है, तो पशु भी परेशान हैं.
गांव में सफाई कर्मियों की लगाई गई ड्यूटी
अब प्रशासन लोगों को बीमारियों के बारे में जागरूक कर रहा है और सभी को पानी उबालकर सेवन करने की सलाह दी जा रही है. इसके अलावा प्रशासन क्लोरिन की टैबलेट के इस्तमाल पर भी जोर दे रहा है. बस्ती डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि जिन गांवों में जल का स्तर घट रहा है. वहां हर गांव में 5-7 सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई है. साफ सफाई के साथ जितने भी रास्ते अवरूद्ध हो गए थे. उनको सही करने का काम कर रहे हैं. जगह-जगह दवा का छिड़काव भी किया जा रहा है. चिकित्सक व पशु चिकित्सक की कई टीमें लगाई गई हैं. बाढ़ पीड़ितों से कंट्रोल रूम पर फीडबैक भी ली जा रही है. किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो तो प्रशासन को अवगत कराए. समस्या जल्द दूर की जाएगी.
बीमारियों से लड़ने की दवा का वितरण
बस्ती के सीएमओ डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि संक्रामक रोगों के बढ़ते हुए खतरों को देखते हुए 15 चिकित्सा की टीम काम कर रही थी. इसमें अब 5 टीमें और बढ़ा दी गई हैं. विभाग द्वारा रोगजनित बीमारियों से लड़ने वाली दवाएं भी वितरित की जा रही हैं. जबकि गम्भीर रोगियों के लिए पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल लाने के लिए एम्बुलेंस आदि की व्यवस्था भी की गई है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved