मंगलवार। रामनवमी शोभायात्रा (Ram Navami procession) के दौरान भडक़ी हिंसा (violence) के बाद तीन राज्यों में 150 उपद्रवी (rowdy) गिरफ्तार (arrested) किए गए। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का खरगोन (Khargone) तीन दिनों से हिंसा की आग में जल रहा है। यहां जबरदस्त तनाव के बीच पुलिस ने जहां 84 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है, वहीं महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई (Mumbai) के उपनगरीय इलाकों में रामनवमी शोभायात्रा पर किए गए पथराव के मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गुजरात (Gujarat) में हुए सांप्रदायिक संघर्ष में भी पुलिस ने 39 दंगाइयों को गिरफ्तार किया।
घर-घर में पत्थर जमा
कर्फ्यू ग्रस्त (curfew affected) खरगोन (Khargone) में उपद्रवियों के 16 मकानों और 29 दुकानों पर बुलडोजर (bulldozer) चलाए जाने के बावजूद कल देर रात फिर हिंसा की घटनाएं हुईं। इसके बाद रातभर चले तलाशी अभियान में कई घरों में पत्थर जमा पाए गए। पुलिस का तलाशी अभियान जारी है। वहीं संभागायुक्त पवन शर्मा (Divisional Commissioner Pawan Sharma) भी खरगोन में डेरा डाले हुए हैं। खरगोन के साथ ही सेंधवा में भी हुई हिंसा के बाद आईजी इंटेलिजेंस ने प्रदेशभर के पुलिसकर्मियों की छुट्टी कैंसिल कर दी। पुलिसकर्मियों को एसपी के आदेश पर ही छुट्टी मिल सकेगी।
उपद्रवियों के घर तोड़े जाने पर भडक़े ओवैसी
खरगोन में उपद्रवियों के मकान तोड़े जाने पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मुख्यमंत्री चौहान (Chief Minister Chouhan) पर निशाना साधते हुए कहा कि एमपी में कानून पर भीड़ तंत्र हावी हो चुका है। मुख्यमंत्री को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे संवैधानिक पद पर बैठे हैं, जहां बिना सबूत मकान तोडऩा तो दूर, अपराधी समझना भी गुनाह है।
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