उज्जैन।कल दोपहर में जीरो पॉइंट पर एक्टिवा सवार युवती चायना की डोर की चपेट में आ गई और उसकी गर्दन कटने से मौत हो गई। हादसा होने के बाद पुलिस विभाग में अफरा-तफरी मच गई और मामला मुख्यमंत्री तक पहुंच गया जिसके बाद कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इधर कल शाम को एक बैंककर्मी की गर्दन भी कट गई जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इधर दिखावे के लिए पुलिस ने एक मांझा विक्रेता को गिरफ्तार कर 41 गट्टे बरामद किए। हर साल संक्रांति के पूर्व चायनिज मांझे की बिक्री होती है और कलेक्टर आदेश जारी कर भूल जाते हैं और पुलिस इस पर अमल नहीं करती। शातिर व्यापारी पुलिसकर्मियों की जेब गर्म कर घातक डोर की बिक्री बेखौफ होकर करते रहे और त्यौहार के पहले ही शहर में चायनिज माँझा पतंगबाजों ने खरीद लिया और लोगों की जान की आफत बनते रहे।
पूर्व में कई लोग इस तरह से चायना की डोर से जख्मी होते रहे लेकिन स्थानीय अधिकारी केवल आदेश निकालकर अपना काम पूरा मानते रहे। इस वर्ष भी कलेक्टर ने चायना की डोर को प्रतिबंधित करने के आदेश जारी कर दिए थे और इसके बाद उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। इधर तोपखाना, छत्रीचौेक और अन्य स्थानों पर शातिर व्यापारियों ने चायना की डोर चोरी-छिपे जमकर बेची और इसकी जानकारी संबंधित थानों की पुलिस को होने के बावजूद भी कलेक्टर के आदेश की अवहेलना की गई और मांझा बिकने दिया गया। इन सब का नतीजा यह निकला कि कल दोपहर में एक्टिवा सवार नेहा आंजना नामक युवती जब जीरो पॉइंट ब्रिज से गुजर रही थी, इसी दौरान उसकी गर्दन चायना डोर की चपेट में आ गई और वह बुरी तरह से घायल हो गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वाहन सहित सड़क पर उसका खून फैल गया था। इस दौरान उसके पीछे बैठी बहन भी जख्मी हो गई थी। यह घटना होने के बाद अफरा-तफरी मच गई और तत्काल पुलिस मौके पर आई तथा मृतका के शव को अस्पताल भिजवाया गया। इधर इस हादसे की खबर आग की तरह फैल गई और मामला मुख्यमंत्री तक पहुँच गया जिस पर उन्होंने चायनिज माँझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इधर कल शाम को बैंक कर्मचारी अजीत कुमार पटेल नानाखेड़ा घायल हो गया।
दिखावे के लिए जब्त किया मांझा
मकर संक्रांति के कई दिन पहले से चाइना की डोर उज्जैन में बिक रही थी और पुलिस रस्म अदायगी के लिए पकड़ भी रही थी। पुलिस की छापेमार कार्रवाई के बावजूद शहर में 25 हजार रील से अधिक चाइना डोर बिक गई। मकर संक्रांति भले ही 14 जनवरी की थी लेकिन चाइना की डोर तो दिसंबर से ही उज्जैन में आ चुकी थी पतंग विक्रेताओं ने इसे छुपा कर रख दिया था और जब अखबारों में इस डोर के बारे में छपा तो पुलिस ने रस्म अदायगी के लिए दो-तीन जगह कार्रवाई कर दी और करीब 1000 रील चाइना की डोर जप्त भी की। लेकिन यह हत्यारी डोर बेचने वालों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की और मामला ऐसे ही चल रहा था लेकिन कल जब जीरो पॉइंट और बीच पर इसी चाइना डोर से एक स्कूली छात्रा की मौत हो गई तो प्रशासन जागा है और पुलिस अब चाइना डोर बेचने वालों के मकान तोडऩे की बात कह रही है। ऐसे में पुलिस क्या उन लोगों के मकान तोड़ेगी जिन्हें पिछले दिनों चाइना डोर बेचते हुए पकड़ा था या फिर पतंग का महीना खत्म होने के बाद यह बात भी हल्की पड़ जाएगी और फिर अगले साल पर चली जाएगी।
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