• img-fluid

    विस का एकदिवसीय सत्र शुरू, सरकार को घेरने पहुंचा विपक्ष

  • September 21, 2020

    भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का एकदिवसीय सत्र आज से शुरू हुआ। कोरोना काल में हो रहे इस सत्र में 141 विधायक ऑनलाइन शामिल हाु रहे हैं। इसके लिए सचिवालय में अलग सेटअप तैयार किया गया है। देश में पहली बार किसी प्रदेश में विधानसभा सत्र ऑनलाइन की सुविधा के साथ हो रहा है। इसमें न तो प्रश्नकाल होगा और न ध्यानाकर्षण। विधानसभा में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। इसमें कोरोना संक्रमण प्रमुख है, क्योंकि प्रदेश में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। मरीजों का आंकड़ा भी एक लाख के पार पहुंच गया है। इसके अलावा अवैध खनन और भ्रष्टाचार, कृषि अध्यादेश, बिगड़ती कानून व्यवस्था, ऑक्सीजन की कमी और किसान कर्ज माफी शामिल है। इन मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेर सकती है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीन दिनों के सत्र का काम-काज एक दिन में पूरा करने का निर्णय लिया गया था। सत्र की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई। दिवंगत राज्यपाल लालजी टंडन सहित अन्य दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही कुछ समय स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के साथ ही काम-काज शुरू हुआ। इस सत्र में राज्य का बजट भी पेश होगा। पिछले सत्र की अधिसूचना निरस्त होने के कारण बजट पेश नहीं हो पाया था। सदन की बैठक में 67 सदस्य शामिल हुए हैं। इसमें मंत्रियों सहित विभिन्न दलों के विधायक शामिल हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर-दूर बैठाने की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक विधायक के बीच के एक-एक कुर्सी खाली रहेगी। उनके पीछे की लाइन की खाली रहेंगी। सदन की सभी दीर्घाएं खाली रहेंगी। अधिकारी दीर्घा में सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को अनुमति होगी जिनकी जरूरत है।

    एनआईसी के जरिए जुड़े विधायक
    सदन की बैठक में शामिल होने के लिए विधायक एनआइसी सेंटर में पहुंचे हैं। इसके लिए वहां विशेष व्यवस्था है। जिला मुख्यालय स्थित एनआइसी सेंटर से विधायक सीधे सदन से जुड़े हैं। वहीं से वे सदन में होने वाली चर्चा में भाग ले रहे हैं। एनआईसी सेंटर में बैठे विधायक सदन में दिखते रहें, इसलिए सदन में बड़ी स्क्रीन लगाई गई है।

    विधायकों ने पूछे हैं 750 सवाल
    इस सत्र में न प्रश्नकाल होगा और न ही ध्यानकर्षण होगा। शून्यकाल की सूचनाएं भी नहीं होगी। हालांकि इस सत्र के लिए विधायकों ने 750 लिखित सवाल पूछे हैं। प्रश्नकाल न होने के कारण विधायकों को लिखित उत्तर पर ही संतोष करना होगा। इसकी सूचना उन्हें पहले ही दे दी गई है। सचिवालय को 138 ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी मिली हैं। इसके भी लिखित जवाब दे दिए जाएंगे।

    कार्यसूची से सरकार ने 11 विधेयक हटाए
    रविवार की देर शाम विधानसभा सचिवालय ने जारी कार्यसूची में 15 विधेयकों को शामिल किया था, लेकिन चंद मिनट में ही 11 विधयकों ने हटा लिया। इनमें कराधान अधिनियम, सिविल प्रक्रिया संहिता, नपा विधि संशोधन से जुड़े तीन विधेयक, निजी विवि संशोधन विधेयक, श्रम विधि संशोधन के दो, साहूकार संशोधन विधेयक, अजा ऋण विमुक्ति विधेयक हैं।सरकार वित्तीय विधेयक सहित अध्यादेशों को सदन में पेश करेगी। इनमें मप्र कृषि उपज मंडी संशोधन अध्यादेश, लोक सेवाओं के प्रदान गारंटी संशोधन अध्यादेश, सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश हैं। यह संवैधानिक मजबूरी है, क्योंकि सरकार ने इन्हें अध्यादेश के जरिए लागू किया था।

    Share:

    मप्र की हजारों किमी सड़कें जर्जर

    Mon Sep 21 , 2020
    एमपीआरडीसी ने खराब सड़कों के भेजे इस्टीमेट लोक निर्माण विभाग के पास बजट का अभाव भोपाल। मप्र में बारिश और बाढ़ के कारण हजारों किमी सड़कें जर्जर हो गई हैं। लेकिन लोक निर्माण विभाग के पास बजट ही नहीं है कि वह इन सड़कों की मरम्मत करा सके। आलम यह है कि एमपीआरडीसी ने खराब […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved