नई दिल्ली (New Delhi)। भारत का विधि आयोग (Law Commission of India) देश में एक साथ चुनाव (country simultaneous elections) कराने की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग 2024 और 2029 के बीच एक साथ चुनाव कराने के लिए एक अस्थायी समयसीमा तय कर सकता है। 22वें विधि आयोग की रिपोर्ट कानून मंत्रालय (Law Ministry) को सौंपी जाएगी। आपको बता दें कि सरकार द्वारा राष्ट्रीय हित का हवाला देते हुए लोकसभा, विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Former President Ramnath Kovind) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।
23 सितंबर को कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल की पहली बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पंद्रहवें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए। एक सरकारी बयान के अनुसार, पैनल ने इस मुद्दे पर सुझाव देने के लिए विधि आयोग और राजनीतिक दलों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया।
2018 में न्यायमूर्ति बीएस चौहान (रिटायर) की अध्यक्षता वाले 21वें विधि आयोग ने भी एक मसौदा रिपोर्ट में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की सिफारिश की थी। हालांकि, इसमें शामिल मुद्दों की जटिलता को देखते हुए आयोग ने कहा था कि “सरकार को अंतिम सिफारिशें करने से पहले एक बार फिर सभी हितधारकों को शामिल करते हुए इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए।” अंतिम अनुशंसा किये जाने से पहले ही उस आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया।
22वें विधि आयोग का गठन फरवरी 2020 में तीन साल की अवधि के लिए किया गया था। हालांकि, इसके अध्यक्ष की नियुक्ति नवंबर 2022 को हुई थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी को इसका अध्यक्ष बनाया गया था। इस साल फरवरी में जब आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला था थब सरकार ने इसका कार्यकाल 31 अगस्त 2024 तक के लिए बढ़ा दिया।
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