झाबुआ । राज्य शासन द्वारा जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत झाबुआ जिले की थांदला सोसायटी (Thandla Society) में डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ है। मामले में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारियां की जा रही है। सहकारिता उपायुक्त अम्बरीश वैद्य ने गुरुवार को मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत थांदला सोसायटी (Thandla Society) को ऋण माफी योजना के पात्र 2,252 कृषकों के लिए राज्य शासन से कुल राशि 23 करोड़ 31 लाख 54 हजार की डिमाण्ड करना थी, लेकिन सोसायटी ने इस राशि से अधिक अर्थात 29 करोड़ 42 लाख की मांग के लिए फर्जी सूची पोर्टल पर अपलोड कर दी। इस षडय़ंत्र के माध्यम से सोसायटी ने 6 करोड़ 10 लाख 30 हजार रुपये अधिक प्राप्त करने की डिमाण्ड कर दी। वर्तमान स्थिति में राज्य शासन ने कुल 8 करोड़ 6 लाख 18 हजार 644 रुपये की ऋण माफी की राशि सोसायटी को दी, उसमें से डेढ़ करोड़ रुपये का घोटाला जांच में प्रमाणित हुआ है।
उन्होंने बताया कि चूंकि फर्जी डिमाण्ड ही कुल 8 करोड़ 6 लाख रुपये की हो चुकी है। यह तथ्य ही इंगित करता है कि यदि आगामी समय में राज्य शासन से डिमाण्ड अनुसार राहत प्रदान होती तो बड़े पैमाने पर घोटाला करने की योजना सोसायटी द्वारा बना ली गई थी। सहकारिता अम्बरीश वैद्य ने ऐसी गंभीर स्थिति पाए जाने पर थांदला सोसायटी के विशेष ऑडिट के लिए निरीक्षकों की टीम गठित कर दी है, ताकि इस पूरे षडय़ंत्र का खुलासा हो सके।
उन्होंने बताया कि जब प्रमाणिकता सहित उन्हें इस मामले की शिकायत प्राप्त हुई तो उन्होंने विभाग की ऑडिट विंग के प्रभारी सहायक आयुक्त डीसी भिंड़े के प्रभार में निरीक्षक हितेश साहू एवं ऑडीटर भूपेन्द्र जामोद का जांच दल गठित किया। इस जांच दल को सोसायटी की व्हाउचर्स, लेजर, स्टेटेमेण्टस, हजारों खातों का मिलान सहित सैकड़ों हितग्राहियों के कथन लेने में बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ा।
जांच अधिकारी डीसी (DC Bhinde) भिंड़े ने बताया राशि 1 करोड़ 45 लाख 2 हजार 856 रुपये घोटाला किया जाना उन्होंने पूरी तरह प्रमाणित पाया है। चूंकि यह फर्जीवाडा अनुमान से अधिक भी हो सकता है। अत: उनके बताए गए तथ्यों को उपायुक्त अम्बरीश वैद्य ने तत्काल संज्ञान में लेकर विशेष ऑडिट हेतु टीम गठित की है। विशेष ऑडिट एक वैधानिक प्रावधान है। ऑडिट पूर्ण होने पर पूरी संभावना है कि घोटाले की राशि बहुत अधिक मात्रा में हो सकती है। उपायुक्त अम्बरीष वैद्य का कहना है कि प्रारंभिक रूप से इस डेढ़ करोड़ के घोटाले पर वे तत्काल दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही करेंगे ही, साथ ही इसमें शामिल पाए गए किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी के विरूद्ध पुलिस प्रकरण दायर कराएंगे।