इंदौर। आस्था और विश्वास के पर्व नवरात्रि में शहरवासियों में मां की भक्ति और आराधना का जुनून देखने को मिल रहा है। वहीं सेन्ट्रल जेल में भी नवरात्रि में मां आद्यशक्ति के नौ रूपों की आराधना के लिए कैदियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कभी अपने हाथों में हथियार थामने वाले महिला और पुरुष बंदियों ने कल पंचमी के दिन मातारानी की आराधना में किए नृत्य और गरबों से जेल का माहौल भक्तिमय कर दिया।
लगातार तीसरे वर्ष सेन्ट्रल जेल में मातारानी के गरबों का आयोजन किया जा रहा है, जिसका श्रेय जाता है जेल अधीक्षक अलका सोनकर और उनके पूरे स्टाफ को। मेरा देश बदल रहा है…की तर्ज पर मेरा जेल बदल रहा है स्लोगन को सार्थक करने में जेल अधीक्षक सोनकर के साथ उनके सहयोगी के रूप में उपजेल अधीक्षक इंदरसिंह नागर, संतोषकुमार लडिय़ा, भूपेंद्रसिंह रघुवंशी और सहायक जेल अधीक्षक दिनेश दांगी, पूजा मिश्रा कैदियों को अपराध की दुनिया से दूर ले जाने के लिए आए दिन जेल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही उनके स्वास्थ्य की चिंता करते हुए योग शिविर भी आयोजित करते हंै। मातारानी की भक्ति में डूबे देश और शहर के साथ ही कल पंचमी के दिन सर्वप्रथम जेल में बहुत ही सुंदर रूप से सजाए गए मातारानी के दरबार में मां भवानी की आरती की गई और फिर गरबों की शुरुआत काल के पंजे से माता बचाओ, हे मां अष्ट भवानी…फिल्मी गीत से की गई। बाद में अपनी सुमधुर आवाज से जेल अधीक्षक ने मातारानी के दरबार में काली-काली गरबे से हाजिरी लगाई, जिस पर जेल बंदियों द्वारा बहुत ही सुंदर गरबा प्रस्तुत किया गया।कभी थामे थे हथियार, आज जगत जननी की आराधना में कर रहे हैं डांडिया
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