नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के कुछ ही दिनों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और कांग्रेस (Congress) के नेतृत्तृव वाले इंडिया गठबंधन (India Alliance) की आमने-सामने की लड़ाई होने वाली है। आज सात राज्यों (7 states) की 13 विधानसभा सीट (13 assembly seats) पर उपचुनाव (By-elections) के लिए मतदान हो रहा है। इसमें कई दिग्गजों सहित चुनाव मैदान में पहली बार कदम रख रही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदरसिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं। वोटों की गिनती 13 जुलाई को की जाएगी।
जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें बद्रीनाथ और मंगलौर (उत्तराखंड), जालंधर पश्चिम (पंजाब), देहरा, हमीरपुर एवं नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश), रुपौली (बिहार), रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा व मानिकतला (पश्चिम बंगाल), विक्रावंडी (तमिलनाडु) और अमरवाड़ा (मध्यप्रदेश) शामिल है। ये उपचुनाव मौजूदा सदस्यों की मृत्यु या इस्तीफे के कारण हुई रिक्तियों के कारण हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ विधानसभा सीट तीन निर्दलीय विधायकों होशियार सिंह (देहरा), आशीष शर्मा (हमीरपुर) और के एल ठाकुर (नालागढ़) के 22 मार्च को सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद रिक्त हुई थीं। इन विधायकों ने 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान किया था। इन तीनों सीट पर कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां 2,59,340 मतदाता हैं।
उत्तराखंड की मंगलौर सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। पिछले वर्ष अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण उपचुनाव की जरूरत हुई है। मुस्लिम और दलित बहुल मंगलौर सीट पर भाजपा कभी जीत नहीं दर्ज कर पाई है। इस सीट पर पहले या तो कांग्रेस या फिर बसपा का कब्जा रहा है। इस बार बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन के खिलाफ मैदान में उतारा है। गुज्जर नेता और भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना भी मैदान में हैं। वहीं, बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा। इस वर्ष मार्च में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। बद्रीनाथ में भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला होगा।
पंजाब की जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर बुधवार को होने वाले उपचुनाव को मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) के खराब प्रदर्शन के बाद उपचुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। जालंधर पश्चिम एक आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है। यहां आप, कांग्रेस, भाजपा और बसपा उम्मीदवारों के बीच बहुकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं। जालंधर पश्चिम सीट शीतल अंगुुरल के आप विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली हो गई थी। यहां बुधवार को होने वाले उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। पंजाब में सत्तारूढ़ आप ने मोहिंदर भगत को मैदान में उतारा है, जो पूर्व मंत्री और भाजपा के पूर्व विधायक भगत चुन्नी लाल के बेटे हैं। भगत पिछले साल भाजपा छोड़ आप में शामिल हो गए थे। भगत ने 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर जालंधर पश्चिम सीट से किस्मत आजमाई थी। हालांकि, उन्हें दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, कांग्रेस ने सुरिंदर कौर पर दांव लगाया है, जो जालंधर की पूर्व वरिष्ठ उप-महापौर और पांच बार की नगर निगम पार्षद हैं। वह रविदासिया समुदाय से जुड़ी एक प्रमुख दलित नेता हैं। दूसरी ओर, भाजपा ने शीतल अंगुुरल को मैदान में उतारा है, जो मार्च में आप छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अंगुुरल सियालकोटिया रविदासिया समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इसी तरह, सुखबीर बादल के नेतृत्व वाले शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले सुरसुजीत कौर को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी ने बाद में उनसे समर्थन वापस ले लिया। शिअद ने अब जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के लिये उपचुनाव में बसपा उम्मीदवार बिंदर कुमार का समर्थन करने की घोषणा की है।
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