पटना। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़े दामों का बोझ झेल रहे बिहार के लोगों को अब बिजली विभाग भी झटका देने की तैयारी कर रहा है. जी हां, बिहारवासियों को अगले महीने से बिजली के लिए ज्यादा बिल चुकाना पड़ सकता है. साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रस्ताव को यदि बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग मान लेता है तो उपभोक्ताओं पर महंगाई का एक और बोझ बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.
बिजली विभाग से मिली अहम जानकारी के मुताबिक साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने बिजली की दर में 9 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. इस पर जनसुनवाई पूरी हो गई है. हालांकि सुनवाई के बाद क्या निर्णय हुआ है, इसको लेकर विद्युत विनियामक आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
जानकारी के मुताबिक बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष जनसुनवाई के दौरान उपभोक्ताओं समेत BIA ने भी इस बढ़ोतरी वाले प्रस्ताव का विरोध किया है. BIA ने कहा कि बिजली बिल बढ़ाने के बजाये कम करने की जरूरत है. वहीं बिजली कंपनियों का कहना था कि बढ़ोतरी का प्रस्ताव उचित है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा, सदस्य आरके चौधरी और एससी चौरसिया ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. यदि आयोग का फैसला बिजली कंपनियों के पक्ष में आता है तो 1 अप्रैल 2021 से बिजली की दरों में 9 से 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिलेगा. इसका सीधा असर बिजली उपभोक्ता के बजट पर पड़ेगा.
BIA के उपाध्यक्ष संजय भरतिया ने विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई में कहा कि साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन ने 42.86 प्रतिशत और नॉर्थ बिहार कंपनी ने 27.71 परसेंट का नुकसान दिखाया है. लेकिन आयोग ने 2017-18 में नुकसान को 15 परसेंट करने का टास्क दिया था. ऐसे में 15 परसेंट प्रति यूनिट बिजली सस्ती की जाए. हालांकि भरतिया की इस दलील को आयोग कितनी तवज्जो देता है, यह देखना अहम होगा. बहरहाल, बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को अब नियामक आयोग के फैसले का बेसब्री से इंतजार है.
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