भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Madhya Pradesh) संपन्न हो गए, राम मंदिर भी बन गया. अब भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) लोकसभा चुनाव की तैयारी में जोर शोर से जुट गई है. कुछ दिन पहले ये खबर भी आई थी कि बीजेपी मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटों में से 16 सीटों पर नए प्रत्याशियों को मौका दे सकती है. दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के नतीजे को लोकसभा चुनाव में सांसदों की उम्मीदवारी से जोड़कर उसे आधार बनाया है ताकि सही उम्मीदवार का चयन हो सके. कहा जा रहा है कि पार्टी इसी आधार पर मध्य प्रदेश के 29 सीटों पर सांसदों का भविष्य तय करेगी.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब भारतीय जनता पार्टी का फोकस लोकसभा चुनाव पर पूरी तरह टिक गया है. मध्य प्रदेश में भी इसकी हलचल शुरू हो गई है.चर्चा चल रही है कि जिन उम्मीदवारों को इस बार संसदीय चुनाव का टिकट दिया जाएगा उनका विधानसभा चुनाव 2023 का परफॉर्मेंस और उनकी अपने क्षेत्र की रिपोर्ट को आधार बनाकर ही अगला टिकट जारी किया जाएगा.
दरअसल बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ऐसा इसलिए कर रही है ताकि मध्य प्रदेश में बीजेपी को अधिक से अधिक जन आधार प्राप्त हो सके. पार्टी ऐसा उम्मीदवार भी खोज रही है जिसकी जनमानस में छवि सकारात्मक हो इसके अलावा पार्टी अपने स्तर पर भी उम्मीदवारों के नाम शॉर्टलिस्ट करेगी. कहा यह भी जा रहा है कि 29 सीटों में से तकरीबन 10 सीटों पर आरएसएस से जुड़े नाम मैदान में उतारे जा सकते हैं इनमें कई पुराने तो कुछ नए चेहरे शामिल हो सकते हैं.
बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे संसदीय क्षेत्र हैं जहां पर नए उम्मीदवार उतार सकती है. दरअसल इनमें से क्षेत्र ज्यादा है जहां पर बीजेपी का प्रदर्शन कमजोर रहा है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारी तय करने के लिए पैरामीटर बनाना भी शुरू कर दिया है कि किस आधार पर उम्मीदवार फाइनल किया जाएगा.
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