नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. वहीं, उन्होंने नए वक्फ कानून (New Waqf Laws) को सामाजिक न्याय की दिशा में उनकी सरकार का एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. साथ ही साथ जिक्र किया कि 2013 में बनाया गया कानून भू-माफिया और मुस्लिम कट्टरपंथियों (Land mafia and Muslim fundamentalists) को खुश करने की कोशिश थी. यही नहीं, प्रधानमंत्री ने बताया जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा है कि अलगाववाद आतंकी आग में सबसे ज्यादा देश की युवा ही झुलसा है।
पीएम मोदी मंगलवार को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘तुष्टिकरण की राजनीति में कांग्रेस को सत्ता मिली, कुछ कट्टरपंथी नेताओं को ताकत और दौलत मिली, लेकिन सवाल ये है कि आम मुसलमान को क्या मिला? गरीब पसमांदा मुसलमान को क्या मिला? उसे मिली उपेक्षा, अशिक्षा और बेरोजगारी, जबकि मुस्लिम महिलाओं को मिला शाहबानो जैसा अन्याय।
उन्होंने कहा, ‘मैं देश की संसद को, सर्वसमाज के हित में, मुस्लिम समाज के हित में एक शानदार वक्फ कानून बनाने के लिए बधाई देता हूं. अब वक्फ की पवित्र भावना की भी रक्षा होगी और गरीब-पसमांदा मुसलमान, महिला-बच्चे, सबके हक भी महफूज रहेंगे।
‘वक्फ कानून ने न्याय को सीमित कर दिया था’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘2013 में वक्फ कानून में संशोधन मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफिया को खुश करने का प्रयास था. इस कानून ने यह भ्रम पैदा किया कि यह संविधान से ऊपर है. संविधान में न्याय का जो रास्ता बताया गया था, उसे वक्फ कानून ने सीमित कर दिया. इस कानून ने भू-माफिया और कट्टरपंथियों को बढ़ावा दिया. केरल में ईसाइयों की जमीन पर वक्फ का दावा था, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन पर विवाद था और कर्नाटक में किसानों की जमीन पर दावे थे।
उन्होंने कहा, ‘मैं संसद को एक शानदार कानून बनाने के लिए बधाई देता हूं. अब वक्फ की पवित्र मंशा को बरकरार रखा जाएगा और गरीब पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी. दोनों सदनों में विधेयक पर 16 घंटे चर्चा हुई, साथ ही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की 38 बैठकें हुईं, जिसमें कुल 128 घंटे विचार-विमर्श हुआ. देशभर के नागरिकों से करीब एक करोड़ सुझाव मिले. यह इस बात को रेखांकित करता है कि लोकतंत्र संसद की दीवारों तक सीमित नहीं है, इसे सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से समृद्ध और मजबूत किया जा रहा है।
दशकों तक भारत में भय का माहौल रहा- पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘दशकों तक भारत में डर का, भय का, आतंक का माहौल बढ़ता ही गया. इसका सबसे बड़ा नुकसान युवाओं को ही हुआ. हिंसा और अलगाववाद आतंकी आग में सबसे ज्यादा देश की युवा ही झुलसा है. जम्मू-कश्मीर में दशकों तक युवाओं की अनेक पीढ़ियां बम, बंदूक और पत्थरबाजी में खप गई, लेकिन दशकों तक देश पर शासन करने वाले इस आग को बुझाने की साहस नहीं दिखा पाए. हमारी सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति से आज वहां हालत बदले हैं. आज जम्मू-कश्मीर का नौजवान विकास से जुड़ चुका है।
पीएम मोदी ने न सिर्फ नए कानून की तारीफ की, बल्कि देश के बंटवारे का जिक्र करके एक गहरा संदेश भी दिया. पीएम ने कहा कि बंटवारा आम मुसलमानों की इच्छा से नहीं, बल्कि कांग्रेस के समर्थन से कुछ कट्टरपंथियों की साजिश थी. पीएम की इस बात को सुनकर विपक्ष के कान जरूर खड़े हो गए होंगे, क्योंकि इसके पीछे उनका मकसद साफ है- वक्फ कानून को लेकर चल रही बहस को ऐतिहासिक संदर्भ से जोड़ना और विपक्ष की पुरानी नीतियों पर सवाल उठाना।
बंटवारे का जिक्र क्यों?
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति शुरू की थी. उनके मुताबिक, बंटवारा आम मुसलमानों की मांग नहीं थी, बल्कि कुछ कट्टरपंथी नेताओं की सत्ता की भूख थी, जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया. कांग्रेस चाहती थी कि आजादी मिलने के बाद सत्ता की दावेदार केवल वह ही रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि गरीब और पिछड़े मुसलमानों को नुकसान उठाना पड़ा. पीएम ने इस इतिहास को वक्फ कानून से जोड़ा और कहा कि पहले भी तुष्टिकरण के नाम पर गलत नीतियां बनीं. उन्होंने 2013 के वक्फ कानून का उदाहरण दिया. उनका इशारा साफ था कि कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को इस्तेमाल किया, लेकिन उनके हितों की अनदेखी की. बंटवारे का जिक्र करके पीएम ने विपक्ष को यह याद दिलाया कि उनकी पुरानी गलतियां आज भी देश को परेशान कर रही हैं।
वक्फ कानून और तुष्टिकरण का खेल
मोदी ने वक्फ कानून पर चर्चा को तुष्टिकरण से जोड़ते हुए कहा कि पहले के कानून में पारदर्शिता की कमी थी. 2013 में कांग्रेस की सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव किया था, जिसे पीएम ने कट्टरपंथियों और जमीन माफिया को खुश करने की कोशिश बताया. उनके मुताबिक उस कानून ने आम लोगों की जमीन पर खतरा पैदा कर दिया था. मिसाल के तौर पर उन्होंने केरल में ईसाई समुदाय की जमीन, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन और कर्नाटक में किसानों की जमीन पर वक्फ के दावों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि पहले एक नोटिस से किसी की भी जमीन वक्फ की संपत्ति बन सकती थी, लेकिन अब नए कानून से पारदर्शिता आएगी और गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के हक की रक्षा होगी।
बंटवारे का जिक्र क्यों
पीएम का बंटवारे का जिक्र करना और उसे वक्फ कानून से जोड़ना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. पहला मकसद विपक्ष को घेरना है. कांग्रेस और दूसरी पार्टियां नए वक्फ कानून को ‘मुस्लिम विरोधी’ बता रही हैं. लेकिन पीएम ने यह साफ कर दिया कि यह कानून समाज के हित में है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ. दूसरा मकसद मुस्लिम समुदाय को भरोसा देना. उन्होंने कहा कि यह कानून गरीब और पासमांदा मुसलमानों को फायदा पहुंचाएगा, जिन्हें पहले की नीतियों में नजरअंदाज किया गया. तीसरा, पीएम ने यह संदेश दिया कि उनकी सरकार तुष्टिकरण नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए काम करती है।
विपक्ष की नींद क्यों उड़ेगी
विपक्ष के लिए यह बात परेशानी का सबब बन सकती है. पीएम ने बंटवारे का जिक्र करके उनकी पुरानी कमजोरियों को उजागर किया. साथ ही, नए कानून को लोकतंत्र और जनभागीदारी से जोड़ा. 16 घंटे की बहस, 38 जेपीसी बैठकें और 1 करोड़ सुझावों का हवाला देकर उन्होंने यह दिखाया कि यह फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया।
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