नई दिल्ली। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat ) माह के प्रत्येक त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. हिंदू का चौथा माह आषाढ़ का महीना(Ashadh Month ) 15 जून से शुरू हो गया है. इस महीने का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जायेगा जो कि 26 जून दिन रविवार को पड़ेगा. यह जून माह का दूसरा और अंतिम प्रदोष व्रत भी होगा. आषाढ़ का पहला प्रदोष व्रत चूंकि रविवार को पड़ेगा. इस लिए यह रवि प्रदोष व्रत (ravi pradosh fast) होगा. जहां रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है वहीँ प्रदोष व्रत भगवान शिव को. ऐसे में रवि प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ सूर्य की भी कृपा प्राप्त होगी. इनकी कृपा से सेहत अच्छी होती है और जीवन में खुशहाली आती है. शिव जी के आशीर्वाद मात्र से मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और वंश, धन, संपत्ति आदि में वृद्धि होती है.
रवि प्रदोष व्रत 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 जून दिन रविवार को 1 बजकर 09 मिनट AM पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 27 जून दिन सोमवार को 3 बजकर 25 मिनट AM होगा.
रवि प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 जून को शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक है. इसप्रकार भक्तों को शिव पूजा के लिए दो घंटे का समय प्राप्त होगा. प्रदोष व्रत के दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है.
प्रदोष व्रत 2022 राहुकाल
प्रदोष व्रत के दिन राहुकाल शाम को 05 बजकर 38 मिनट से शाम 07 बजकर 23 मिनट तक है. इस दौरान प्रदोष व्रत की पूजा करना अशुभ माना जाता है.
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