पुणे। पुणे पुलिस (Pune Police) ने 55-वर्षीय एक ऑटोरिक्शा चालक (autorickshaw driver arrested) को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को कर्नल बताकर (calling himself a colonel) सेना में नौकरियों (jobs in army) के नाम पर कई उम्मीदवारों से कथित तौर पर लाखों रुपये की ठगी (fraud of lakhs of rupees) की थी. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने यहां बताया कि आरोपी संजय सावंत को पुणे पुलिस की अपराध शाखा और सैन्य खुफिया (एमआई) के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया. उसे पंजाब में पठानकोट पुलिस को सौंप दिया गया है, जहां उसके खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सावंत ने 30 साल तक पुणे के देहू रोड स्थित केंद्रीय आयुध डिपो (सीओडी) में मजदूर के रूप में काम किया था और उसके बाद वह ऑटोरिक्शा चलाने लगा था. उन्होंने बताया कि पठानकोट में उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था. पठानकोट पुलिस की एक टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए पुणे भी आई थी।
बता दें कि इससे पहले भी सेना और सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम पर कई बेरोजगार युवाओं को ठगने वाले आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। हैरानी की बात है कि इन घटनाओं से भी लोगों ने सबक नहीं लिया कि, किसी अनजान शख्स को पैसे देकर नौकरी पाना महज एक धोखे के सिवाय कुछ नहीं है. क्योंकि सरकारी नौकरी एक उचित भर्ती प्रक्रिया के तहत होती है, जिसमें लिखित परीक्षा और इंटरव्यू शामिल है।
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