इंदौर। जिस तरह शहर में नगर निगम द्वारा साफ-सफाई से लेकर कचरा प्रबंधन किया जाता है, उसी तरह की शुरुआत अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी की जा रही है, ताकि शहर की तरह ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सुथरे और कचराविहीन नजर आएं। समयसीमा की बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने इस आशय के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए और सभी एसडीएम को समन्वयक अधिकारी के रूप में कार्य करने की बात भी कही।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों और विभिन्न विभागीय गतिविधियों तथा शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी करें। उन्होंने अधिकारियों निर्देश दिये कि वे स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में इंदौर शहर का मॉडल अपनाएं। उन्होंने कचरा प्रबंधन, कचरा संग्रहण और कचरा निपटान व्यवस्था के लिये ग्राम पंचायतवार कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिये। कलेक्टर मनीष सिंह ने यह निर्देश कल टीएल की बैठक में दिये। बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन, डॉ. अभय बेडेकर, अजय देव शर्मा, आर.एस. मण्डलोई तथा राजेश राठौर, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी वंदना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएम हेल्पलाइन सहित समयावधि के पत्रों के निराकरण की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि इंदौर जिले में सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में तेजी से सुधार हो रहा है। इंदौर जिला अब प्रदेश के अव्वल पांच जिलों में शामिल हो गया है। कुछ विभाग शेष हैं, जिनकी रैकिंग निम्न हैं, उन्हें प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के निर्देश दिये गये। इन विभागों में मुख्य रूप से आदिम जाति कल्याण, वन, पर्यावरण, वित्त, कृषि, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पीडब्ल्यूडी आदि विभाग शामिल हैं। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों का सघन भ्रमण करें। योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मौके पर जाकर मॉनीटरिंग करें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved