- केंद्र से मदद मिलने में रहेगी आसानी, इंदौर उज्जैन मेट्रो कॉरिडोर की योजना भी इसी के तहत होगी मंजूर, रियल इस्टेट सेक्टर का विस्तार होगा अवैध बसाहट रुकेगी
उज्जैन। अब विकास की गति बढ़ाने और केंद्र से आर्थिक और बड़े पैकेज में शामिल होने के लिए उज्जैन और इंदौर संभाग को जोड़कर दिल्ली और नोएडा की तर्ज पर मेट्रोपालिटी अथॉरिटी योजना बनाई जा रही है। इसी के तहत इंदौर-उज्जैन मेट्रो कॉरिडोर योजना मंजूर होगी।
उज्जैन-इंदौर संभाग को एक साथ जोड़कर इसमें देवास, पीथमपुर, महू को जोड़कर दिल्ली-नोएडा और गुडग़ांव की तरह मेट्रोपोलिटी बनाई जाएगी। इस अथॉरिटी के मास्टर प्लान में इंदौर-उज्जैन के साथ आसपास के नगरों का भी विकास मेट्रोपोलिटी रीजन के तहत होगा। यह सभी शहर आपस में मिलकर एक अथॉरिटी बनने के बाद केंद्र के बड़े पैकेज में शामिल होंगे। वर्तमान में पीथमपुर, देवास में काम करने वाले लोग भी इंदौर से डेली अपडाउन करते हैैं। शिप्रा नदी शुद्धिकरण के लिए भी समग्र योजना जरुरी है। अभी इंदौर और उज्जैन मेें अलग-अलग परियोजनाएँ तैयार की रही है, लेकिन परिणाम संतोषजनक नहीं निकले। इंदौर के मास्टर प्लान मेें सिर्फ इंदौर ही नहीं उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों पर भी फोकस किया जा रहा है। उपनगरों की तर्ज पर महू, देवास और पीथमपुर का विकास होगा। मेट्रोपोलिटी रीजन से इंदौर के विकास का दायरा 40 से 50 किमोमीटर तक हो जाएगा। नगरीय प्रशासन विभाग मेट्रोपोलिटी अर्थारिटी बनाकर क्षेत्रीय विकास पर नजर रखेगा। इसके बनने से केंद्र से शहरों को ज्यादा मदद मिलेगी। दिल्ली में नोएडा और गुडग़ांव को जोड़कर विकास किया गया हैै। इसके बाद दिल्ली का फैलाव हो गया और आबादी का दबाव भी दिल्ली शहर पर नहीं आया। इंदौर का मास्टर प्लान तैयार हो रहा है। इंदौर को महानगर की तरह विकसित करने की माँग इंदौर उत्थान अभियान व अन्य संस्थाएँ लगातार कर रही हैै। अब सरकार ने भी इस मांग पर विचार करना शुरू कर दिया है। इंदौर में मेट्रो कॉरिडोर बन रहा है। इसे उज्जैन और महू व पीथमपुर से जोड़ा जाएगा। मेट्रोपोलिटी रीजन से इंदौर उज्जैन की सरहद के आसपास अवैध बसाहट रुकेगी। उपनगरों से जुड़े मार्गों को चौड़ा किया जाएगा। क्षेत्रीय विकास के लिए योजनाएँ तैयार कर केंद्र से पैसा लाने में आसानी होगी। रियल इस्टेट सेक्टर का विस्तार होगा। अभी देवास और उज्जैन की तरफ बसाहट बढ़ रही है।