लंदन। नए वैश्विक परिदृश्य के बीच ईरान ने ब्रिटेन की पहल पर दोहरी नागरिकता वाले दो लोगों को रिहा कर दिया है। कई वर्षों से ईरान की जेल में बंद इन लोगों पर जासूसी व तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे। ब्रिटेन-ईरान की दोहरी नागरिकता रखने वालीं नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ करीब छह साल से जेल में बंद थीं। उनकी रिहाई की आवाज उठाती रहीं ब्रिटेन की सांसद ट्यूलिप सिद्दीकी ने बताया कि नाजनीन तेहरान में हवाई अड्डे पर हैं और अपने घर लौट रही हैं।
ईरान के अंग्रेजी समाचार चैनल प्रेस टीवी ने कहा कि जगारी-रैटक्लिफ जेल की सजा काटने के बाद तेहरान छोड़ने वाली हैं। इससे पहले ईरान की समाचार एजेंसी ने बताया था कि ब्रिटेन सरकार की तरफ से 53 करोड़ डॉलर ईरान को अदा करने के बाद जगारी-रैटक्लिफ को रिहा किया गया है। मध्य पूर्व के देशों का दौरा कर रहे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पहले पुष्टि की थी कि तेहरान में एक टीम जगारी-रैटक्लिफ की रिहाई को लेकर वार्ता कर रही है।
जगारी-रैटक्लिफ को ईरान की सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था और नजरबंद रखा गया था। समाचार एजेंसी की परमार्थ शाखा, थॉमसन रायटर्स फाउंडेशन में कार्यरत होने के दौरान जगारी-रैटक्लिफ को अप्रैल 2016 में तेहरान के हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया था। तब वह परिवार से मिलने के बाद ब्रिटेन लौट रही थीं।
प्रेस टीवी के अनुसार, ब्रिटेन-ईरान की दोहरी नागरिकता रखने वाले अनूश अशूरी को भी जगारी-रैटक्लिफ के साथ रिहा किया गया है। अशूरी को वर्ष 2017 में तेहरान में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के साथ संबंध रखने के आरोप में 12 साल की सजा सुनाई गई थी।
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