नई दिल्ली (New Delhi)। हिंडनबर्ग विवाद (Hindenburg Controversy) पर मंगलवार को अडानी ग्रुप (Adani Group) की एजीएम (Adani Group AGM) में समूह के मुखिया गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कहा कि यह ग्रुप की छवि खराब करने की कोशिश थी। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट अपने फायदे को ध्यान में रखकर और गलत सूचनाओं के आधार पर तैयार की गई थी। गौतम अडानी ने कहा कि जबकि कमेटी को किसी भी प्रकार की नियामक विफलता नहीं मिली। बता दें, गौतम अडानी एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
‘निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए वापस लिया फुली सब्सक्राइब FPO’
अडानी ग्रुप के मुखिया गौतम अडानी ने एनुअल जनरल मीटिंग में कहा कि रिपोर्ट का मकसद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नीचे लाकर मुनाफा कमाना था। उन्होंने कहा, “हमने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपने फुली सब्सक्राइब्ड एफपीओ को वापस ले लिया था।”
संकट के दौर में भी अरबों डॉलर का इनवेस्टमेंट लाए
गौतम अडानी ने कहा कि हमारा ट्रैक रिकॉर्ड खुद बोलता है। उन्होंने बुरे वक्त में सपोर्ट करने वाले सभी स्टेकहोल्डर्स का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस संकट के दौर में भी हम अरबों डॉलर का इंटरनेशनल निवेश लाए। वहीं, किसी रेटिंग एजेंसी ने भी हमारी रेटिंग में कटौती नहीं की है।”
नेट प्रॉफिट में 82% का इजाफा
गौतम अडानी ने बताया है कि वित्त वर्ष 23 के दौरान ग्रुप का EBIDTA 36% की ग्रोथ दर्ज करने में सफल रहा है। इस दौरान अडानी ग्रुप का EBIDTA बढ़कर 57,219 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, टोटल इनकम 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल करने के बाद 2.62 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा है कि टैक्स भुगतान के बाद प्रॉफिट भी 82 प्रतिशत बढ़कर 23,509 करोड़ रुपये रहा। इन सबके के अलावा नेट डेट EBIDTA रेशियो 3.2x से घटकर 2.8x पर आ गया। बता दें, अडानी ग्रुप के नए बिजनेसेज का समूह के EBIDTA में 50 प्रतिशत का योगदान है।
इस साल जनवरी में आई थी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट
इसी साल जनवरी ने अमेरिका की शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस कंपनी ने तब कहा था कि सेल कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में पैसा लगा है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। इतने महीने बीत जाने के बाद भी अडानी ग्रुप की कंपनियां शेयर बाजार में हिंडनबर्ग पूर्व लेवल हासिल नहीं कर पाई हैं। बता दें, इसी रिपोर्ट के बाद समूह को अपना एफपीओ भी वापस लेना पड़ा था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved