नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी। इस दिन आपके किचन के बजट पर भी असर पड़ने की सम्भावना है, क्योंकि 1 फरवरी को ही एलपीजी सिलेंडर (lpg cylinder) के नए रेट तय होंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है, ऐसे में एलपीजी सिलेंडर के रेट में बढ़ोतरी हो सकती है, वैसे यह भी हो सकता है कि 5 राज्यों में हो रहे चुनाव को देखते हुए घरेलू एलपीजी सिलेंडर (domestic lpg cylinder) के उपभोक्ताओं को राहत मिल जाये।
नॉन-सब्सिडी वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर (lpg cylinder) के दाम में अक्टूबर से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही पेट्रोल-डीजल के रेट भी स्थिर हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में विधान सभा चुनाव (Assembly elections) हो रहे हैं। 10 फरवरी से 7 मार्च तक वोटिंग है और रिजल्ट 10 मार्च को आएंगे। ऐसे में बहुत कम संभावना है कि घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ें।
कुछ बदलाव कामर्शियल सिलेंडर (commercial cylinder) के रेट में हो सकता है। कच्चे तेल के दाम में लगी आग से होने वाले नुकसान की भरपाई चुनाव बाद हो सकती है। जानकारों के अनुसार पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) के रेट में 5 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है तो एलपीजी सिलेंडर 100 रुपये तक महंगे हो सकते हैं। सितंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच एलपीजी घरेलू सिलेंडर केवल 15 रुपये महंगा हुआ। एक सितंबर 2021 को दिल्ली में गैर-सब्सिडी वाला 14.2 किलो का घरेलू एलपीजी सिलेंडर 884.50 रुपये था, 6 अक्टूबर को 15 रुपये बढ़कर 899.50 रुपये का हो गया।
6 अक्टूबर के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ, इस दौरान कच्चे तेल के दाम में काफी उछाल आ चुका है। अगर जनवरी 2021 से जनवरी 2022 की तुलना करें तो तब से लेकर अब तक घरेलू गैस सिलेंडर 205.5 रुपये महंगा हो चुका है। पिछले साल फरवरी में तो सिलेंडर के दाम (cylinder price) तीन बार में बढ़कर 694 रुपये से 794 रुपये पर पहुंच गया। चार दिन बाद एक मार्च को 25 रुपये और बढ़कर 819 रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद पश्चिम बंगाल चुनाव (west bengal election) को देखते हुए 10 रुपये सस्ता हुआ और 1 जून तक 809 रुपये पर टिका रहा। इसके बाद जुलाई, अगस्त और सितंबर में भी दामों को बढ़ाया गया था।
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