इंदौर। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 51 लाख पौधे लगाने की घोषणा कर प्रशासन की मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। एक तो इतने लाख पौधे उपलब्ध होना मुश्किल है, वहीं उन्हें लगाने के लिए जमीन भी मिल नहीं रही है। कलेक्टर ने वन विभाग से मंत्री की घोषणा पर अमल के लिए पौधे और जमीन चिह्नित करने के लिए कहा है, लेकिन वन विभाग केवल सवा 5 लाख पौधों की व्यवस्था कर पाया और इसके लिए भी पांच जगहों पर 24 हेक्टेयर जमीन चिह्नित हो पाई।
शहरी विकास और आवास मंत्री द्वारा 51 लाख पौधे लगाने के ऐलान के बाद जिला प्रशासन ने इंदौर वन विभाग मुख्यालय को उसकी सभी नर्सरी में तैयार पौधों की संख्या और उन्हें लगाने के लिए पौधारोपण स्थलों की विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए थे। वन विभाग ने इस मामले में जिला प्रशासन को पौधारोपण के लिए 5 इलाकों में लगभग 24.121 हेक्टेयर जमीन की जानकारी दी है। इन खाली पौधारोपण स्थलों की जमीन पर 5 लाख 24 हजार 161 पौधे ही लगाए जा सकते हैं। डीएफओ के अनुसार इंदौर वन वृत्त मंडल की इंदौर और झाबुआ लोक सामाजिक वानिकी की नर्सरियों में कुल पौधों की संख्या 25 लाख 27 हजार 404 है। पौधारोपण के प्रथम चरण के लिए वन विभाग ने जो 24 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है, उस पर लगभग 5 लाख से ज्यादा बड़े-छोटे और औषधीय पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधे लगाने के बाद उन्हें बड़ा करने के लिए 3 साल तक उनकी परवरिश और देखभाल करना होगी। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री की 51 लाख पौधे लगाने की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए शासन इन पौधों के अलावा बाकी पौधे और उन्हें लगाने के लिए अतिरिक्त जमीन की व्यवस्था कैसे करेगा।
यहां लगेंगे पौधे
1- बिजासन रमणा- यहां बिजासन रमणा की 14 हेक्टेयर जमीन पर 3 लाख 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें 35 हजार बड़े पौधे और 2 लाख 80 हजार छोटे पौधे लगाए जाएंगे।
2-उमरियाखुर्द गांव- इस गांव की लगभग 0.405 हेक्टेयर जमीन पर तीन प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। 9 हजार 112 बड़े पौधे, 1 हजार 12 छोटे पौधे सहित 8100 औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
3- सनावदिया गांव- इस गांव की 0.918 हेक्टेयर जमीन पर 2065 बड़े, 230 छोटे पौधों के अलावा 1836 औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
4-असरावदखुर्द गांव- इस गांव की 6.9970 हेक्टेयर जमीन पर 1 लाख 57 हजार 432 बड़े, 17 हजार 492 छोटे पौधे सहित 1 लाख 39 हजार 940 औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
5-असरावद गांव- तालाब की पाल की 1.8010 हेक्टेयर जमीन पर 40 हजार बड़े, 4 हजार 502 छोटे और 36 हजार 20 औषधीय पौधे लगाए जाएंगे।
32 प्रजाति के बड़े पौधे
बरगद, पीपल, नीम, चिरोल बहेड़ा, तिन्सा, पाखर, खम्हेर, आंवला, महुआ, कबीट, इमली, बिल्वपत्र, अर्जुन, काला सिरस, सफेद सिरस, अंजन, कुसुम, अचार, खिरनी, लसौड़ा, महोगनी, महानीम, वुल्लू, बीजा, हल्दू , गूलर, कपोक, सेमल, खुरासानी इमली, तेंदू हर्रा।
21 प्रकार के छोटे पौधे
हरसिंगार, मीठा नीम, सीताफल, कचनार, अमलतास, सिस्सू, शहतूत, सहजन, शमी, पारसपीपल, कनेर, तिकोमा गुड़हल, अंजीर, गुलटर्रा, मधुकामनी, गधापलास, सिंदूर दूधी चंपा, रातरानी।
10 प्रजाति के औषधीय पौधे
शतावर, अश्वगंधा, निर्गुंडी, पत्थरचट्टा, इंसुलिन, एलोवेरा, सर्पगंधा, तुलसी की विभिन्न प्रजातियां, गिलोय, हडज़ोड़।
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