छतरपुर। बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने चमत्कार को चुनौती देने वालों को जवाब देते हुए कहा, हाथी चले बाजार, कुत्ते भौंके हजार। नागपुर में कथा कर बागेश्वरधाम लौटे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, हम कई साल से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरु हैं। नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति ने आरोप लगाया था कि उन्होंने चमत्कार के दावे कर कानून का उल्लंघन किया है।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और राष्ट्रीय संगठक श्याम मानव का कहना है, संविधान के अनुसार राम कथा या धर्म का प्रचार-प्रसार करना कोई गलत नहीं है। ये सभी का अधिकार है, लेकिन धीरेंद्र कृष्ण ने नागपुर के रेशमबाग मैदान में सात-आठ जनवरी को आयोजित दिव्य दरबार में चमत्कारी दावे कर कानून का उल्लंघन किया है। मानव का कहना है कि इस दावे का उनके पास वीडियो भी है।
समिति का कहना है, हमने शास्त्री को चुनौती दी थी कि अगर वे सही साबित हुए तो हम 30 लाख रुपये देंगे। लेकिन वे चुनौती को अस्वीकार करते हुए दो दिन पहले ही कथा खत्म कर चले गए। समिति की मांग है कि धीरेंद्र कृष्ण के खिलाफ केस दर्ज किया जाए और उन्हें गिरफ्तार भी करें।
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से उन्हें मिली चुनौती पर जवाब दिया है। शास्त्री बोले, हमें किसी भी प्रकार के प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। हमें बागेश्वर बालाजी पहले ही प्रमाण दे चुके हैं। हम कई साल से बोल रहे हैं कि न हम कोई चमत्कारी हैं, न हम कोई गुरु हैं, न ही हम कोई ईश्वर हैं। हम तो अपने बागेश्वर बालाजी जी के सेवक हैं, जैसी प्रेरणा लगती है हम वैसा करते हैं। हमने आगामी सभी कथाओं के समय को दो-दो दिन कम किया है। दरबार यथावत रहेगा, क्योंकि वह बालाजी की प्रेरणा से लगता है।
नागपुर में भी दो दिन का दिव्य दरबार लगा था। एक दिन की रामकथा के लिए हमने आयोजकों को पहले ही मना कर दिया था, इसलिए रामकथा सात दिन तक की गई। रायपुर और टीकमगढ़ की कथा को भी दो-दो दिन के लिए घटाया गया है। गुरु जी का जन्मदिन है, इसलिए हम दो-दिन दिन कथा से घटा रहे हैं।
अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और राष्ट्रीय संगठक श्याम मानव ने बताया कि वीडियो में महाराज कह रहे हैं कि भूत बाधा की सवारी आती है, उपद्रव किया गया है। गंदी तांत्रिक क्रिया है। तबीयत ठीक नहीं रहती। तत्काल मृत्यु, अभी तक घर में पांच मृत्यु हुई है, पितृदोष के कारण….। पिता का नाम शंकरलाल है। माइक से बोले हम तुम्हारे सारे कांड खोल देंगे। मानव ने आगे बताया कि वीडियो सामने आने के बाद नौ जनवरी को समिति ने महाराज को नाम, आयु, मोबाइल नंबर और दूसरे रूम में रखी 10 वस्तुओं का नाम बताने पर 30 लाख रुपये देने की चुनौती दी थी, लेकिन महाराज ने चुनौती स्वीकार नहीं की और 13 जनवरी तक चलने वाली कथा को दो दिन पहले 11 जनवरी को ही खत्म कर दी और महाराज नागपुर से चले गए।
समिति के संगठक ने कहा, हमने सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) और पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। उन्होंने जादू-टोना विरोधी कानून के तहत बागेश्वर सरकार का भंडाफोड़ करने के लिए 19 जनवरी को आग्याराम देवी चौक स्थित गुरुदेव सेवाश्रम में आयोजन किया है। समिति का कहना है कि जरूरत पड़ने पर हम अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे। इसके अलावा अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम आंदोलन भी करेंगे। नागपुर कथा के आयोजकों का कहना है कि समिति के पदाधिकारी सस्ती लोकप्रियता के लिए यह सब स्टंट कर रहे हैं।
महाराज का कहना है कि बागेश्वर धाम में बालाजी के आशीर्वाद से रूक्क का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल बना रहे हैं। धाम अब धर्म के साथ-साथ समाज के लिए भी काम करेगा। हमारे साथ भारत का एक-एक सनातनी, बालाजी के चरणों के लिए पागल एक-एक शख्स अस्पताल का निर्माण कराएगा। साल 2029-30 तक अस्पताल का निर्माण पूरा हो जाएगा।
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