आज का दिन रविवार (sunday) है और वैसे तो हर दिन का अलग अलग महत्व है लेकिन रविवार (sunday) के दिन सूर्यदेव की पूजा अर्चना की जाती है। आज के दिन सूर्यदेव (suryadev) की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है। ज्योतिष (Astrology) के अनुसार, हर ग्रह की परिभाषा अलग होती है। कथाओं के अनुसार, सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु नौ ग्रहों में गिने जाते हैं। सूर्यदेव (suryadev) को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के कार्य किए जाते हैं जिनमें सूर्य को अर्घ्य देना भी शामिल है। आज के दिन जो भी व्यक्ति संपूर्ण विधि विधान से सूर्यदेव (suryadev) की पूजा अर्चना करता है सूर्यदेव (suryadev) उसका जीवन खुशियों से भर देतें हैं । आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं आज के दिन सूर्यदेव (suryadev) की ऐसे करें पूजा अर्चना तो आइये जानतें हैं ।
रविवार को जरूर करें ये उपाय (sunday reamdy )
– इस दिन तांबे या अन्य सिक्के को बहते पानी में बहाएं।
– चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाएं।
– गेहूं और गुड़ को लाल कपड़े में बांधकर दान करें।
– सूर्य को उच्च करने के लिए बहते जल में गुड़ और चावल प्रवाहित करें।
दोष निवारण के उपाय
– सूर्य विष्णु का रूप है इसलिए सूर्य पूजा करें।
– सुबह सूर्य को अर्घ्य देना उत्तम होता है।
– सुख-शांति के लिए हरिवंशपुराण का पाठ भी करें।
जानें ये महत्वपूर्ण बातें :
सभी ग्रहों के मुखिया सूर्य हैं।
सूर्यदेव (suryadev) के हाथ और बाल सोने के हैं।
सूर्यदेव (suryadev) के रथ को 7 घोड़े खींचते हैं। ये 7 घोड़ें 7 चक्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य की प्रसिद्ध संततियों में हैं शनि, यम और कर्ण है।
सूर्य देव (suryadev) रविवार और इतवार के रवि के रूप में स्वामी हैं।
वेदों में जगत की आत्मा सूर्य को बताया गया है।
पृथ्वी पर जीवन सूर्य की वजह से ही है।
सूर्य को नवग्रहों में राजा का पद प्राप्त हुआ है।
सूर्यदेव (suryadev) को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन उन्हें अर्घ्य दिया जाता है।
हर दिन एक निश्चित संख्या में ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप किया जाता है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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