नई दिल्ली। भारतीय सेना (Indian Army) और देशवासी (Countrymen) हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाते हैं. कारगिल युद्ध (Kargil War) पड़ोसी पाकिस्तान (Pakistan) से हुआ लेकिन इसने दुनिया को भारत के युद्ध कौशल (India’s fighting skills) और सामरिक शक्ति का अहसास कराया. आज यह एक एतिहासिक तथ्य बन चुका है कि ठीक 23 साल पहले आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को हमारी सेना ने पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम करते हुए देश की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराते हुए ये ऐलान किया था कि कारगिल हमारा है, इस पर कब्ज़ा करना तो दूर, इधर देखने की हिम्मत भी न करना. तकरीबन 60 दिन लंबी चली इस लड़ाई में भारत की एक इंच जमीन बचाने के लिए भी हमारे कई बहादुर सैनिकों ने अपना बलिदान दिया था.
दुनिया में कहीं भी ऐसे बलिदान को किसी तराजू पर नहीं तौला जा सकता लेकिन फिर भी हमारी सेनाओं में ये रवायत बनी हुई है कि युद्ध के मैदान में किसी एक के बलिदान को सर्वोच्च तो माना ही जायेगा, ताकि उसकी शहादत के जरिये आने वाली पीढ़ी के लिए सेना के शौर्य को हमेशा जिंदा रखा जाये. आज पूरे देश में “कारगिल विजय दिवस” मनाया जा रहा है, जिसके जरिये उन शहीदों की कुर्बानी को पिछले 22 साल से याद किया जाता रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देश के वीर जवानों को इस दिवस पर श्रद्धा के साथ याद किया है। करगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ट्वीट- ‘कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है. इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद!’ वीडियो के साथ आज हमारे सामने आया है।
कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद! pic.twitter.com/wIHyTrNPMU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2022
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