कुपवाड़ा (Kupwara)। देशभर में दिवाली (Diwali 2023) का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। दिवाली के मौके पर बच्चों से लेकर वयस्कों तक में उत्साह नजर आया। लोगों ने रंग-बिरंगी फुलझड़ियां (Colorful sparklers) जलाईं। घरों-दुकानों में पूजन के बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं। पूजा खत्म होने के बाद बच्चों-बड़ों ने जमकर आतिशबाजी (Lots of fireworks) की। इस दौरान रोशनी से आकाश जगमगा उठा। इस बीच जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले के टीटवाल में मौजूद शारदा मंदिर (Sharda temple ) में दिवाली (Worship on Diwali after 75 years) के मौके पर पूजा अर्चना की गई।
शारदा मंदिर एलओसी से सटा हुआ है। ‘सेव शारदा कमिटी’ के फाउंडर और प्रमुख रविंद्र पंडिता ने बताया कि यहां पर 75 साल में पहली बार दिवाली पर पूजा हो रही है। यह बहुत खुशी की बात है कि 75 साल बाद लोगों को यह एक बार फिर देखने को मिला। 1947 से पहले यहां इसी मंदिर और गुरुद्वारे में दिवाली मनाई जाती थी। ठीक 75 साल बाद ऐसा दोबारा हो रहा है।
कब हुआ मंदिर का निर्माण
इस मंदिर का निर्माण कार्य पिछले साल ही शारदा यात्रा मंदिर समिति ने शुरू कराया था। इससे पहले समिति ने लगभग एक कनाल के भूखंड के सीमांकन के बाद 2 दिसंबर 2021 को भूमि पूजन किया था। जिस भूमि पर यह मंदिर बनाया गया है, उसे स्थानीय लोगों के सहयोग से वापस लिया गया था। इसमें धर्मशाला और एक गुरुद्वारा हुआ करता था।
इन्हें 1947 में कबायलियों ने जला दिया गया था और विभाजन के बाद 1948 में शारदा पीठ की तीर्थ यात्रा बंद कर दी गई थी। पिछले साल स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोगों ने धर्मशाला की जमीन कश्मीरी पंडितों को लौटाई थी और सेव शारदा सीमिति कश्मीर के सदस्यों ने जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से यहां एक गुरुद्वारा, शारदा मंदिर और एक मस्जिद का निर्माण किया।
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