इन्दौर। इंदौर-उज्जैन संभाग में बिजली चोरी के 50,000 से ज्यादा प्रकरणों में कंपनी को तकरीबन डेढ़ सौ करोड़ रुपए वसूलना हैं। इसके लिए लोक अदालत में समझौते के लिए कार्रवाई को तेज कर दिया गया है। कंपनी ने बिजली चोरी के बकायादारों के कनेक्शन काटने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
इंदौर बिजली कंपनी क्षेत्र के 15 जिलों में बिजली चोरी के कोर्ट में चल रहे प्रकरण नेशनल लोक अदालत में समझौते के लिए रखे गए हैं। तकरीबन 20 हजार से ज्यादा प्रकरणों पर कंपनी का फोकस है। विजिलेंस सीईओ कैलाश शिवा ने बताया कि इसमें उपभोक्ता को भी राहत मिलती है और वह कानूनी उलझनों से दूर हो जाता है। ऊर्जा विभाग के आदेशानुसार इसमें छूट प्रदान की जाएगी। इसमें प्री-लिटिगेशन स्तर पर सिविल दायित्व की राशि पर 40 फीसदी एवं ब्याज पर 100 फीसदी छूट प्रदान की जाएगी। लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि पर 25 फीसदी एवं ब्याज पर 100 फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी। आवेदक को छूट के उपरांत राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। पहली बार के प्रकरणों पर ही छूट की पात्रता रहेगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने बताया कि कंपनी स्तर पर 43 स्थानों पर लगने वाली लोक अदालतों की विभागीय तैयारियों, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आवेदकों से संपर्क एवं लोक अदालतों में लाने आदि की जिम्मेदारी के लिए मुख्य कैलाश शिवा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
वाहन दुर्घटना के भी कई प्रकरण निपटेंगे
लोक अदालत में वाहन दुर्घटना के भी कई प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा। बीमा कंपनी ने अपने सैकड़ों प्रकरणों को समझौते के जरिए हल कराने का मार्ग लोक अदालत के जरिए खोजा है, जिसमें क्लेम करने वाले लोगों के साथ समझौता कर बीमा राशि की भुगतान किया जा सकेगा।
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