बीजिंग । चीन ने आखिरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञों को कोरोनो वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच के लिए देश आने की अनुमति दे दी है। चीन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ टीम 14 जनवरी को यहां पहुंचेगी।
दुनिया भर में करीब 9 करोड़ लोग कोरोनो वायरस से प्रभावित हैं और लगभग 20 लाख मौतें हुई हैं। वायरस का शुरुआती संक्रमण चीन के वुहान शहर में हुआ था और माना जाता है कि यहीं से वह विश्व के अन्य स्थानों पर पहुंचा।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग से एक संक्षिप्त घोषणा में बताया कि विशेषज्ञ गुरुवार को आएंगे और चीनी समकक्षों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि चीन के वुहान शहर की यात्रा करेंगे या नहीं। टीम को चीन में आगमन पर दो सप्ताह के लिए पृथकवास में रखा जा सकता है।
डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने पिछले सप्ताह जांच टीम को अनुमति देने में देरी करने पर निराशा व्यक्त की थी।
चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वायरस की उत्पत्ति का मामला जटिल है। चीन में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ टीम के काम को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करना और प्रासंगिक व्यवस्था करना जरूरी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने आज अपने बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ टीम चीनी वैज्ञानिकों के साथ कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में संयुक्त अनुसंधान में सहयोग करेगी।
चीन लगातार इस दावे को खारिज कर रहा है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति उसके यहां हुई । उल्टा चीन इस बीमारी की उत्पत्ति को लेकर भ्रामक तथ्य पेश कर रहा है और अन्य देशों पर बीमारी को ठीक से हैंडल नहीं करने की बात कह रहा है। एजेंसी
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