नई दिल्ली। जो व्यक्ति एक बार कोरोना (Corona) के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variants) का शिकार हो चुका है और उसने वैक्सीन (Corona vaccine) भी लगा लिया है तो भी उसे ओमिक्रॉन (Omicron) का जोखिम बना रहता है. क्योंकि संक्रमण और टीकाकरण के बाद भी ओमिक्रॉन (Omicron) शरीर की प्रतिरोधक क्षमता पर भारी पड़ सकता है.
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद Indian Council of Medical Research(आईसीएमआर) के एक नये अध्ययन में यह जानकारी सामने आयी है. यह अध्ययन एक ऐसे स्वास्थ्यकर्मी पर किया गया जोकि महामारी की तीनों लहर में संक्रमण की चपेट में आया था. आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने इस बात पर जोर दिया कि टीके की बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन स्वरूप के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करती है लेकिन यह समय के साथ कम होती जाती है, ऐसे में मास्क पहनना, सामाजिक दूरी के नियमों का पालन और बार-बार हाथ धोने जैसी आदतें सार्स-सीओवी-2 के प्रसार की रोकथाम का भरोसेमंद हथियार हैं.
वैक्सीन के बावजूद सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित
जर्नल ऑफ इन्फेक्शन में सोमवार को प्रकाशित हुए इस अध्ययन में भारत के एक स्वास्थ्यकर्मी के मामले का अध्ययन किया गया, जोकि सबसे पहले सार्स-सीओवी-2 के प्रारंभिक संक्रमण की चपेट में आया और बाद में वह डेल्टा और ओमिक्रॉन स्वरूप से भी संक्रमित हुआ जबकि वह कोविड-रोधी टीके की दोनों खुराक ले चुका था. पुणे के एनआईवी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रज्ञा यादव ने कहा कि दिल्ली के 38 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी में सबसे पहले नौ अक्टूबर 2020 को संक्रमण की पुष्टि हुई. इस मामले में उसे बुखार, बदन दर्द और गले में खराश का सामना करना पड़ा. यह स्वास्थ्यकर्मी कुछ दिन में ठीक हो गया और इसके बाद उसे करीब 2-3 सप्ताह कमजोरी महसूस हुई.
अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ी
अध्ययन में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि तीनों बार संक्रमण की चपेट में आने के बाद भी स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी और घर में ही पृथकवास में रहकर उसका उपचार किया गया. जीनोम अनुक्रमण विश्लेषण में पाया गया कि इस मामले में स्वास्थ्यकर्मी दूसरी बार डेल्टा स्वरूप की चपेट में आया और तीसरी बार वह ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमित हुए.
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