नई दिल्ली। भारत(India) के कई शहरों में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच वैज्ञानिकों (scientists) को आशंका है कि ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट ‘सेंटोरस’ अगला वैश्विक कोरोना वेरिएंट(Corona Variant) हो सकता है। इसकी वजह यह है कि यह अब तक करीब 20 देशों में फैल चुका है। इसका प्रसार बेहद तेज है। लेकिन राहत की बात यह है कि मजबूत इम्यूनिटी (immunity) के चलते भारत समेत तमाम देशों में इसका प्रभाव कम नजर आ रहा है। संक्रमण में तेजी के बावजूद अस्पताल में भर्ती होने की दर नहीं बढ़ी है।
ओमिक्रॉन का ही एक नया सब वेरिएंट
एक रिपोर्ट के अनुसार, सेंटोरस यानी बीए. 2.75 पर वैज्ञानिक निगाह रखे हुए हैं। यह ओमिक्रॉन का ही एक नया सब वेरिएंट है जिसके मामले जुलाई में भारत में तेजी से बढ़ने शुरू हुए थे और उसके बाद एशिया और यूरोप (Asia and Europe) समेत 20 देशों में इसका फैसला हो चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में मई से लेकर अब तक एक हजार नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई थी जिनमें से दो तिहाई मामले बीए 2.75 के थे।
दोबारा संक्रमण की कितनी आशंका
इसके बाद सर्वाधिक मामले बीए-5 के थे जबकि शेष मामले ओमिक्रॉन के अन्य सब वेरिएंट के थे। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि बीए 2.75 के मामले दिल्ली में भी सर्वाधिक पाए गए हैं। लेकिन अब यह स्थिरता की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार बीए 2.75 में एक म्यूटेशन ए452आर है जिससे दोबारा संक्रमण की आशंका बढ़ती है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वायरोलाजिस्ट शाहिज जमील के अनुसार ज्यादातर जगहों पर बीए. 2.75 कोई नई लहर पैदा करेगा। हम उस बिंदु पर आ रहे हैं जहां ये वेरिएंट एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और वे लगभग बराबर हैं। इसलिए जिन लोगों को बीए-5 का संक्रमण हुआ है, उन्हें बीए 2.75 का संक्रमण होने की संभावना नहीं है।
कैसे उत्पन्न हुआ सेंटोरस वेरिएंट
ओमिक्रॉन से दो सब वेरिएंट बीए-1 तथा बीए-2 बने। बीए-1 से आगे कोई सब वेरिएंट नहीं बना जबकि बीए-2 से चार सब वेरिएंट फिर उत्पन्न हुए। इनमें बीए 4, बीए 5, बीए 2.12-1 तथा अब बीए 2.75 बना है। अल्फा, गामा, बीटा का कोई सब वेरिएंट ज्ञात नहीं है। जबकि डेल्टा का सब वेरिएंट डेल्टा प्लस है।
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