नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) ने पूरी दुनिया में एक बार फिर लोगों के दिलों में दहशत फैला दी है। यहां तक कि ब्रिटेन और अमेरिका (Britain and America) के हालात अभी भी गंभीर बनते जा रहे है।
वहीं अगर भारत की बात करें इस समय देश में कोरोना के नए वेरियंट ओमिक्रोन की रफ्तार ने जोर पकड़ ली है। देश में ओमिक्रोन के अबतक चार हजार,033 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से एक हजार, 552 मरीज ठीक हो चुके हैं,हालांकि दूसरी तरफ कोरोना को लेकर यह भी बात सामन आई कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की गतिविधियों का पता लगाने के लिए दिल्ली के डॉक्टरों को बड़ी कामयाबी मिली है। इस संबंध में मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि डॉक्टरों ने देश में पहली बार नैनोपोर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए अनुक्रमण रसायन शास्त्र पर कार्य किया है। इस प्रौद्योगिकी के जरिए इन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रत्येक म्यूटेशन के बारे में न सिर्फ जानकारी एकत्रित की बल्कि यह किस तरह से मरीज के शरीर में असर डाल रहा है, इसके बारे में भी पता किया है।
डॉक्टरों ने दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल पर जब चिकित्सीय अध्ययन शुरू किया तो उन्हें ओमिक्रॉन वैरिएंट पकड़ में आया और सीक्वेंसिंग के दौरान डॉक्टरों ने इनमें 35 बार म्यूटेशन यानी वायरस की आनुवांशिक संरचना में 35 बार अलग अलग परिवर्तन देखने को मिले हैं।
वहीं अध्ययन के अनुसार दिल्ली के सबसे बड़े कोविड केंद्र लोकनायक अस्पताल में भर्ती 13 रोगियों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के दौरान ओमिक्रॉन वैरिएंट की गतिविधियों के बारे में पता लगाया है। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि इसी अध्ययन से यह पता चला है कि दिल्ली में डेल्टा के बाद अब ओमिक्रॉन सबसे अधिक फैला है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़े में बताया कि ओमिक्रोन अब देश के 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। यहां ओमिक्रोन के 1216 मामले आ चुके हैं। दूसरे नंबर पर अब राजस्थान पहुंच गया है। यहां 529 ओमिक्रोन के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। तीसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां अबतक 513 मामले आ चुके हैं। चौथे नंबर पर अब कर्नाटक है, जहां 441 मामले सामने आए हैं। पांचवे नंबर पर केरल है जहां 333 मामले सामने आ चुके हैं।
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