नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के नये वेरिएंट ओमीक्रोन (New Variants Omicron) के चलते जहां पूर दुनिया में हड़कंप मच गया तो वहीं भारतीयों के मन भी धीरे-धीर तनाव बढ़ता जा रहा है, क्योंकि जिस तरह से यह वेरिएंट ( Variants Omicron) का संक्रमण बढ़ रहा है इससे अंदेशा लगायाज रहा है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट (Variants Omicron) महामारी की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। यह कहना है कि IIT कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल का। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक नए कोरोना वैरिएंट से बहुत डरने के बजाय सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है। दूसरी ओर लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह वेरिएंट कितना घातक होगा, क्योंकि पिछले कोरोना काल की भयावता का मंजर अभी भूला नहीं जा सका है। ऐसे में अपने गणितीय मॉडल से कोरोना की अग्रिम जानकारी देने वाले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि ओमीक्रोन डेल्टा की अपेक्षा तेजी से फैलेगा तो पर अधिक घातक नहीं होगा। इसके पीछे भारतीयों की नेचुरल इम्युनिटी सिस्टम काफी मजबूत मानी जा रही है।
दूसरी तरफ ओमिक्रॉन के हल्के लक्षणों को लेकर दुनिया के कई वैज्ञानिकों को एक और चिंता है कि हल्के लक्षण दिखाई देने पर लोग टेस्टिंग कम कराते हैं और आइसोलेट भी नहीं होते हैं, इससे भी संक्रमण फैलने के पूरे आसार रहते हैं, यहां तक कि कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता है कि उन्हें कोरोना हुआ है और नजर अंदाज कर देते हैं।
वहीं कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट पर अध्ययन कर रहे कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर पद्म श्री मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से जिस प्रकार के डाटा मिल रहे हैं उससे संभावना है कि वहां पर इसी माह के अंतिम सप्ताह तक ओमीक्रोन पीक पर रहेगा।
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